द लीडर हिंदी , नई दिल्ली | केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को नई ड्रोन पॉलिसी का एलान कर दिया है. इस पॉलिसी के मुताबिक ड्रोन उड़ाने को लेकर कई नियमों में बदलाव किया गया है. उड्डयन मंत्रालय ने अब ड्रोन संचालित करने के नियमों में ढील दे दी है. नई पॉलिसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए ड्रोन नियम स्टार्ट-अप और काम कर रहे हमारे युवाओं की काफी मदद करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा, “नए ड्रोन नियम इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और हमारे युवाओं की जबरदस्त मदद करेंगे. यह नवाचार और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा. यह भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की ताकत का लाभ उठाने में मदद करेगा.”
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The new Drone Rules will tremendously help start-ups and our youth working in this sector. It will open up new possibilities for innovation & business. It will help leverage India’s strengths in innovation, technology & engineering to make India a drone hub.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2021
घटाए गए ड्रोन फीस
उदाहरण के लिए, एक बड़े आकार के ड्रोन को उड़ाने के लिए लगने वाला रिमोट पायलट लाइसेंस फीस को 3000 रुपये से घटाकर सभी कैटेगरी के लिए 100 रुपये कर दिया गया है. यह लाइसेंस 10 साल तक के लिए मान्य होगा.
क्या है नया?
अब सरकार ने ड्रोन से जुड़े कई काम ऑनलाइन कर दिए हैं, जिसमें ऑनलाइन लाइसेंस आदि देने की प्रक्रिया शामिल है. इसके अलावा अब ड्रोन के लिए एक रूट बनाने की बात कही जा रही है और ड्रोन के वजन, रूट आदि के आधार पर कई नियम तय किए गए हैं. जिस तरह पहले ड्रोन उड़ाने की परमिशन लेना काफी मुश्किल था, जिस प्रक्रिया को अब आसान कर दिया गया है.
Unmanned Aircraft Systems Promotion Council to be set up to facilitate a business-friendly regulatory regime. Import of drones to be regulated by DGFT (Directorate General of Foreign Trade). Drone corridors will be developed for cargo deliveries, under Drone Rules 2021 pic.twitter.com/1Nt4PJjb8J
— ANI (@ANI) August 26, 2021
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नहीं लेने होंगे ज्यादा अप्रूवल
नए नियमों में विभिन्न प्रकार के अप्रूवल की आवश्यकता को भी हटा दिया गया है, जिसमें इसके इम्पोर्ट क्लियरेंस, मौजूदा ड्रोन की मंजूरी, ऑपरेट परमिट आदि शामिल है.
नए ड्रोन नियमों (Drone Rules, 2021) में अन्य अप्रूवल जैसे यूनिक ऑथराइजेशन नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप आइडेंटिफिकेशन नंबर आदि की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया गै.
कितनी तरह के होते हैं ड्रोन?
एक होते हैं नैनो ड्रोन्स, इनमें 250 ग्राम या इससे कम वजन वाले ड्रोन्स को शामिल किया गया है. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस या अनुमति की जरूरत नहीं है. माइक्रो व स्मॉल ड्रोन्स में 250 ग्राम से 2 किलोग्राम वजन वाले ड्रोन्स शामिल किए गए हैं.
इसके अलावा 2 किलोग्राम से ज्यादा और 25 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्स स्मॉल ड्रोन्स की कैटेगरी में आते हैं. इस तरह के ड्रोन को चलाने वाले व्यक्ति के पास UAS ऑपरेटर परमिट-1 (UAOP-I) होना चाहिए. ड्रोन के पायलट को एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SoP) का पालन करना होगा.
वहीं, 25 किलोग्राम से ज्यादा और 150 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्स मीडियम कैटेगरी में आते हैं. जबकि लार्ज कैटेगरी में आने वाले ड्रोन्स का वजन 150 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए. इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए UAS ऑपरेटर परमिट-2 (UAOP-II) होना चाहिए.
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क्या होते हैं रूट?
आसमान को कई जोन में बांटा जाएगा. डिजिटल स्काय प्लेटफॉर्म पर ग्रीन, यलो और रेड जोन के साथ इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप बनेगा.ग्रीन जोन जमीन से 400 फीट ऊपर होगा, यलो जोन 200 फीट ऊपर और इसके साथ-साथ रेड (नो-गो एरिया) जोन भी बनेंगे. इसके आधार पर ही ड्रोन उड़ाने की अनुमति दी जाएगी.
पढ़ें ये 20 बड़ी बातें
- अद्वितीय प्राधिकरण संख्या, अद्वितीय प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान और विकास संगठन का प्राधिकरण, छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंस, दूरस्थ पायलट प्रशिक्षक प्राधिकरण, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन घटकों के लिए आयात की अनुमति मिल गई है.
- भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों को शामिल करने के लिए ड्रोन नियम, 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है.
- फॉर्म/अनुमति की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है.
- किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है.
- अनुमतियों के लिए शुल्क नाममात्र के स्तर तक घटाया गया.
- ड्रोन नियम, 2021 के तहत अधिकतम जुर्माना घटाकर 1 लाख रुपये किया गया. हालांकि, यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के संबंध में दंड पर लागू नहीं होगा.
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा.
- येलो जोन एयरपोर्ट की परिधि से 45 किमी से घटाकर 12 किमी किया गया.
- हवाई अड्डे की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है.
- सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा.
- ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित आसान प्रक्रिया.
- देश में मौजूदा ड्रोनों को नियमित करने का एक आसान अवसर प्रदान किया गया.
- गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है.
- ‘नो परमिशन-नो टेक-ऑफ’ (एनपीएनटी), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा. अनुपालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा.
- सभी ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी. डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा.
- भारतीय गुणवत्ता परिषद और उसके द्वारा अधिकृत प्रमाणन संस्थाओं को सौंपे गए ड्रोन का प्रकार प्रमाणन.
- अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं के लिए प्रकार प्रमाण पत्र, विशिष्ट पहचान संख्या, पूर्व अनुमति और दूरस्थ पायलट लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है.
- डीजीएफटी द्वारा नियंत्रित किए जाने वाले ड्रोन के आयात.
- कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे.
- व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी.
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