West Bengal : ममता बनर्जी ने नारद स्टिंग मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर किया नया हलफनामा

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द लीडर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नारद स्टिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया.

9 जून को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले में ममता बनर्जी के जवाब शपथ पत्रों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी. साथ ही मामले को वापस हाईकोर्ट में भेज दिया था.

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कानून मंत्री मलय घटक (Malay Ghatak) और सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में नारद स्टिंग मामले (Narada Sting Case) में हलफनामा दायर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस पर सुनवाई मंगलवार को पांच जजों की बड़ी बेंच करेगी.


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बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 9 जून को मुख्यमंत्री और कानून मंत्री के जवाबी एफिडेविट जमा करने से मना कर दिया था. इसके बाद सीएम ममता ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को रद कर दिया था. साथ ही 28 जून तक नए सिरे से हलफनामा दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले को वापस हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था.

यह है मामला

पिछले महीने सीबीआई ने नारद घोटाले में टीएमसी के मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभनवन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद सीबीआई के मुख्यालय के बाहर जमकर अराजकता हुई थी.

ममता बनर्जी खुद भी सीबीआई दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गई थी. इस मामले में सीबीआई की स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार (Bengal Government) का हलफनामा रिकार्ड पर लेने से इनकार कर दिया था.


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ममता व उनके कानून मंत्री का कहना है कि नारद स्टिंग केस में TMC नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हुई अराजकता के मामले में CBI ने कलकत्ता हइकोर्ट में उनके ऊपर भी गंभीर आरोप लगाए हैं, इसके बावजूद हाईकोर्ट पीड़ित (ममता और कानून मंत्री) को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दे रहा.

नारद स्टिंग मामला क्या है

मैथ्यू सैमुअल ने वर्ष 2014 में नारद टीवी न्यूज चैनल की ओर से एक कथित स्टिंग किया था. इसमें टीएमसी के तत्कालीन मंत्री, सांसद और विधायक एक कंपनी के प्रतिनिधियों से लाभ पहुंचाने के बदले में कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे.

इस स्टिंग से जुड़े कुछ टेप वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से महज सार्वजनिक हो गए थे. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिए थे.


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पिछले महीने सीबीआई ने इस मामले में टीएमसी के चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई की इस कार्रवाई का सीएम ममता बनर्जी और टीएमसी ने विरोध किया था.

इसे लेकर सीबीआई मुख्यालय के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था. ममता बनर्जी खुद भी वहां धरने पर बैठ गई थी. जिसके बाद सीबीआई ने ममता पर भी अराजकता का आरोप लगाया था.

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