लखनऊ। कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जून में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाएगी। यूपी में अगले महीने वैक्सीन की एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। एक जून से ही सभी जिलों में 18 से 44 वर्ष तक की आयु वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा। अभी इन्हें सिर्फ 23 जिलों में ही वैक्सीन लगाई जा रही है।
‘मिशन जून’ के तहत चलाए जाने वाले इस टीकाकरण महाभियान की पुख्ता तैयारियां की गई हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों के अलावा कार्यालयों में भी टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। कम आबादी वाले जिलों में भी कम से कम एक हजार टीके प्रतिदिन लगेंगे।
अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि जून में वैक्सीन की एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जुलाई में इसे और बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। प्रदेश में अब तक कुल 1.76 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। इसमें से 1.42 करोड़ लोगों ने पहली और 34 करोड़ ने दूसरी डोज ली है। बीती एक मई से 18 से 44 वर्ष तक की आयु लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया था, जो अभी 23 जिलों में चल रहा है। अब तक इस आयु वर्ग के 16.9 लाख लोग टीका लगवा चुके हैं।
18+ लोगों के लिए हर जिले में चार केंद्र : एक जून से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 18 से 44 वर्ष तक की आयु वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके साथ ही टीकाकरण का महाअभियान शुरू होगा। 18 से 44 वर्ष तक की उम्र के लोगों के लिए हर जिले में चार टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे। बड़े जिलों में दो अतिरिक्त टीकाकरण केंद्र बनेंगे। इसके अलावा जरूरत के अनुसार राष्ट्रीयकृत बैंक कर्मियों, परिवहन कर्मचारियों तथा रेलवे व अन्य सरकारी कार्यालयों में भी टीकाकरण केंद्र बनाया जाएगा।
न्यायालय व शिक्षा विभाग के लिए विशेष प्रबंध : जिला स्तर पर न्यायालय तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग कार्यालय के अधिकारियों व मीडिया प्रतिनिधियों के लिए सरकारी कार्यालयों में दो विशेष टीकाकरण सत्र चलाए जाएंगे। वहीं हर जिलें में परिषदीय व राजकीय शिक्षकों को टीकाकरण में वरीयता दी जाएगी।
अभिभावकों को लाना होगा प्रमाणपत्र : हर जिले में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों को वैक्सीन लगाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर दो विशेष सत्र चलाए जाएंगे। यहां उन्हें अपने बच्चे की आयु 12 वर्ष से कम होने के प्रमाण के तौर पर उसका आधार कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र लाना होगा।