केंद्र से मिल नहीं रही वैक्सीन अब रूस से स्पूतनिक की 20 लाख डोज़ मंगा रहा उत्तराखंड

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  1. लीडर देहरादून।

नैनीताल हाई कोर्ट ने कहा है कि वैन लगाकर गांव गांव टीकाकरण कराएं, लेकिन वैक्सीन तो दिल्ली से मिल ही नहीं पा रही। अब उत्तराखंड सरकार ने रूस से स्पूतनिक वी का आयात करने का फैसला लिया है। इसके लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई है। अगले दो महीने में स्पूतनिक वी वैक्सीन (Sputnik V vaccine) की 20 लाख डोज का आयात करेगी।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार शाम मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने राज्य सरकार के इस निर्णय की जानकारी दी।कीमत के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ये सिंगल डोज वैक्सीन है। इन दिनों इसकी कीमत 2300 रुपये है। इनके मूल्य घटते बढ़ते रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय मूल्यों पर राज्य सरकार व देश का नियंत्रण नहीं होता।
कमेटी में अपर सचिव युगल किशोर पंत, अपर सचिव अरूणय सिंह चौहान, निदेशक अभिप्राप्ति चिकित्सा महानिदेशालय, खजानचंद पांडे राज्य वित्त सेवा के अधिकारी और पीपीई किट प्रकोष्ठ नियोजन विभाग, उत्तराखंड शासन में तैनात सुमंत शर्मा को रखा गया है।

केंद्र से भी हो रही है बात

मुख्य सचिव ने बताया कि भारत सरकार से भी हम लगातार वार्ता कर रहे हैं। जितनी वैक्सीन अभी मिली है, वे कम है। इस महीने हमें 8 लाख और अगले महीने 9 लाख वैक्सीन मिल पाएगी, उसमें भी यह शर्त है कि जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, उन्हें सेकंड डोज दी जाए। देश की प्रमुख कंपनियों से भी हमारी बातचीत चल रही है कि वे केंद्र सरकार के अतिरिक्त हमें भी वैक्सीन दें। कुछ वैक्सीन हमें मिल भी चुकी है और कुछ मिलनी बाकी है।

कालाबाजारी पर सख्ती

मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप कालाबाारी करने वालों के खिलाफ और सख्त कदम उठाने जा रहे हैं। अस्पताल, दवा विक्रेता की ओर से ज्यादा रेट वसूलने, नकली दवा आदि के खिलाफ अगले सप्ताह से अभियान शुरू होने जा रहा है। नकली दवा में आजीवन कारावास से नीचे की सजा नहीं है। एक दो मामले ऐसे पकड़ में आते ही इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा।आइजी अमित सिंहा ने कहा कि पुलिस कालाबाजारी को लेकर निरंतर छापेमारी कर रही है। अब तक 24 एफआइर दर्ज 35 गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि में चालान कर अब तक चार करोड़ 26 लाख का जुर्माना वसूला गया है।

ऑक्सीजन के हाल

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड के लिए हाल ही में आक्सीजन 80 मेट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंची है। रोज सात मेट्रिक टन अतिरिक्त चाहिए। 20- 20 मेट्रिक टन के दो कंटेनर ही उत्तराखंड को मिले हैं। आक्सीजन के दो हजार किलोमीटर से आने से 36 घंटे लगते हैं। प्रतिदिन अगर 60 मेट्रिक टन की आपूर्ति बनाने को 12 कंटेनर चाहिए। शुक्रवार तक हमें भारत सरकार से छह और कंटेनर मिल जाएंगे।पत्रकार वार्ता में एक बात ये भी सामने आई कि उत्तराखंड में ऑक्सीजन के जो प्लांट हैं, उनकी उत्पादन क्षमता 419 मेट्रिक टन है। इन प्लांट से उत्तराखंड को आज तक सिर्फ 123 मेट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिली है। इन प्लांट से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। वहीं, उत्तराखंड के लिए जमशेदपुर, दुर्गापुर से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है।
आवंटन भारत सरकार से किया जाता है। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि हमें यहीं के प्लांट के आपूर्ति की जाए। ये भारत सरकार पर निर्भर करता है कि वे कितना मानते हैं।

आइवर वैक्टीन

सचिव पंकज पांडे ने बताया कि विशेषज्ञ समिति का सुझाव के अनुरूप अब राज्य की पूरी जनसंख्या को आइवर वैक्टीन दवा देंगे। इस दवा को तीन दिन तक खाया जाएगा। इसका साइड इफेक्ट कम है। सिर्फ ये गर्भवती महिला व दो साल से कम को नहीं जाएगी। इसके लिए बूथ लेवल अफिसर्स (बीएलओ) के माध्यम से अभियान शुरू किया जा रहा है। हर गांव, मोहल्ले और बूथ को कवर करेंगे। दवा आ रही है।

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