मुसलमानों के ख़िलाफ़ दिन-रात नफ़रत फैलाने वाले मीडिया का दरगाह आला हज़रत से बहिष्कार का ऐलान

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Urse Razvi 2022 Ala Hazrat
दरगाह आला हज़रत.

द लीडर : आला हज़रत के 104वें सालाना उर्से रज़वी में शायद पहली बार देश के कुछ ज्वलंत मुद्​दे चर्चा का विषय बनेंगे. आमतौर पर उर्से रज़वी के मंच पर आला हज़रत की एजुकेशन, शरीयत और मुसलमानों के अांतरिक मसलों पर ही तक़रीरों का फ़ोकस रहा है. लेकिन इस बार मीडिया की ज़हरीली डिबेट और हिंदू-मुसलमानों के बीच बंटवारे की दरारें पैदा करने वाले संगठन-लोग चर्चा के केंद्र में होंगे. उर्स से क़रीब एक महीने पहले आला हज़रत दरगाह के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ान-सुब्हानी मियां के हवाले से इन्हीं बिंदुओं पर समाज के लिए एक सख़्त पैग़ाम आम हुआ है. जिसमें मौजूदा हालात की हक़ीक़त का ज़िक्र है तो भविष्य की फ़िक्र का इज़हार भी. (Urse Razvi 2022 Ala Hazrat)

यूपी के ज़िला बरेली में 21, 22 और 23 सितंबर को उर्से रज़वी मनाया जाएगा. दरगाह से पोस्टर जारी हो चुका है, जिसके साथ दरगाह प्रमुख का पैग़ाम भी, जो देश-दुनिया में भेजा जा रहा है. दरगाह आला हज़रत सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों का मरकज़ है, जिससे देश-दुनिया के करोड़ों मुसलमान जुड़े हैं. रुहेलखंड में उर्से रज़वी अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है. जिसमें देश-विदेश से लाखों अक़ीदतमंदों का जनसैलाब उमड़ता है.

उर्से रज़वी के संदेश में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने कहा है कि, “मुल्क के हालात सामने हैं. हर तरफ़ नफ़रतों का बोलबाला है. कुछ ख़ास नफ़रती संगठन देशवासियों के बीच नफ़रत पैदा कर रहे हैं. और नागरिक मुस्लिम समाज को निशाना बना रहे हैं. मुसलमानों को उनके मज़हब-मसलक और शरीयत से दूर करने की कोशिश हो रही है. कुछ न्यूज़ चैनल्स ने तो इस्लाम और मुसलमानों के ख़िलाफ सुनियोजित तरीके से अभियान छेड़ रखा है, जिसमें दिन रात उन्हें नीचा दिखाने, बदनाम करने का दुष्प्रचार आम है. एक तरह से भारतीय मुसलमानों को राष्ट्रविरोधी साबित करने का प्रोपोगैंडा चलाया जा रहा है.


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भारत के आम लोग, जिनमें हिंदू-मुसलमान सब शामिल हैं, उनके बीच नफ़रतें पैदा करके, एक-दूसरे का दुश्मन बनाया जा रहा है. ये काफ़ी भयावह है. एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर हर हिंदू-मुस्लिम की ज़िम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को ऐसे नफ़रती चैनलों से दूर रखें. चैनलों का दुष्प्रचार भारत की नई नस्लों के ज़ेहन पर बुरा असर डाल रहा है. बच्चों में मारपीट, दंगा-फ़साद, नफ़रत की आपराधिक मनोवृत्ति पैदा हो रही है. (Urse Razvi 2022 Ala Hazrat)

काफ़ी चिंताजनक बात है कि देश में नफ़रत परोसने वाले ये चैनल अपनी ज़हरीली डिबेट में बनावटी मुस्लिम स्कॉलर और फर्जी उलमा को बिठा रहे हैं. जो उल-जलूल बातें करके दूसरे समुदाय के बीच मुसलमानों की ग़लत तस्वीर पेश करते हैं. मुसलमानों को चाहिए कि ऐसे बनावटी और फर्जी मुस्लिम स्कॉलर-उलमा से बचकर रहें. हमारे समाज में नफ़रत के लिए न तो कोई जगह है और न ही होनी चाहिए.

ऐसे माहौल में नौजवानों को ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है. उनसे अपील है कि किसी के बहकावे या उकसावे में आकर कोई ग़ैर-क़ानूनी या असंवैधानिक काम न करें. चूंकि मुसलमानों से नफ़रत करने वाला एक गैंग साजिशसन भड़काऊ बयानबाजी करता हैं. मस्जिदों के पास जाकर उकसाने वाली नारेबाजी करते हैं. यहां तक कि पथराव करके मुसलमानों को बदनाम करते हैं. इस साजिश को समझना होगा. इसलिए उनके उकसावे का शिकार न बनें, क्योंकि दंगा-फ़साद होने के बाद इल्ज़ाम मुसलमानों के मत्थे मढ़ दिया जाता है. बेहतर है कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई का रास्ता चुनें. और इस बात का ख़्याल रखें कि किसी भी सूरत में क़ानून को अपने हाथ में नहीं लेना है.

दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर भी सचेत किया है. इस संदेश के साथ कि इन प्लेटफॉर्म पर कोई भी आपत्तिजनक कमेंट, पोस्ट न करें और न ही इस तरह किसी किसी पोस्ट-वीडियो को शेयर करें. ऐसे हालात में खानकाह, संगठन, उलमा, सामाजिक प्रतिष्ठा वाले लोग आगे आएं और देश का माहौल खुशगवार बनाने की ज़िम्मेदारी निभाएं. सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाएं. हर हिंदुस्तानी का ये मक़सद और कोशिश होनी चाहिए कि हमें अपनी नई नस्लों के लिए एक अच्छा समाज बनाना है. जहां हमारे बच्चे मुहब्बत की फ़जाओं में महफ़ूज रहें. इसके लिए ज़मीन पर काम करना होगा. आख़िर में उलमा और मदरसों को संदेश दिया है कि वे बच्चों को भारतीय संविधान और क़ानून के बारे में ज़रूर तालीम दें.

दरगाह आला हज़रत के प्रमुख के हवाले से दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने ये पैग़ाम जारी किया है. दरगाह के मदरसा मंजरे इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ़्ती सलीम नूरी ने कहा कि दरगाह प्रमुख ने मानवता के विरुद्ध अभियान चलाने वाले, नफ़रत फैलाने और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के मंसूबों को परास्त करने के लिए हिंदू और मुसलमान दोनों से एक साथ आने की अपील की है. (Urse Razvi 2022 Ala Hazrat)


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