द लीडर : उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव (UP MLC Election) में समाजवादी पार्टी का हश्र सामने है. 36 सीटों पर उसका खाता भी नहीं खुला. सपा की इस दुर्गति को लेकर अखिलेश यादव निशाने पर हैं. विपक्षी दलों के साथ ही पार्टी के अंदर से भी अखिलेश के ख़िलाफ आवाज़ें उठने लगी हैं. तो दूसरी तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) है, जिसने मुस्लिम पॉलिटिक्स के सहारे अखिलेश की घेराबंदी तेज कर दी है. (UP MLC Election Muslim)
AIMIM के प्रवक्ता डॉ. अब्दुल मन्नान ने एमएलसी चुनाव को कहा कि समाजवादी पार्टी की इज्ज़त केवल अब्दुल यानी मुसलमानों की वजह से बची थी. चूंकि एमएलसी चुनाव में मुसलमानों का कोई विशेष योगदान नहीं होता है. इसलिए आज अखिलेश चारों खाना चित पड़े हैं. मुसलमानों ने जब कांग्रेस-बसपा का साथ छोड़ा, तो उनका हश्र भी सपा की तरह ही हुआ. अब समाजवादी पार्टी का भी यही हश्र होना है.
इस बीच यूपी के ज़िला सुल्तानपुर से सपा नेता सलमान जावेद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ ज़ुल्म पर प्रदेश से लेकर ज़िला स्तर तक कोई समाजवादी नेता बोलने को तैयार नहीं है. रामपुर विधायक आज़म ख़ा और कैराना विधायक नाहिद हसन जेल में हैं. भोजीपुरा विधायक शहज़िल इस्लाम का पेट्रोल पंप ध्वस्त कर दिया गया. लेकिन अखिलेश यादव खामोश रहे. जो कायर नेता अपने विधायकों के लिए आवाज़ नहीं उठा सकता, वो आम कार्यकर्ता के लिए क्या आवाज़ उठाएगा. (UP MLC Election Muslim)
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सलमान जावेद सुल्तानपुर समाजवादी पार्टी की सबसे छोटी इकाई के नेता हैं. लेकिन उनका ये पत्र सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हुआ है. इसके सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी की विभिन्न इकाईयों में मुस्लिम पदाधिकारी भी सपा की चुप्पी पर नाराज़गी जता रहे हैं. समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव जीशान अली पाशा ने कहा-90 प्रतिशत मुसलमानों का वोट लेकर, आज उनके मुद्दों पर बोलने से भाग रहे हो…अखिलेश तुम राजनीति के अभिषेक बच्चन साबित होगे.
पिछले दिनों ही गाजीपुर में एक मस्जिद पर भगवा झंडा लगाया गया था. और सीतापुर के महंत बजरंग मुनि ने मुस्लिम औरतों के बलात्कार की धमकी दी थी. राजस्थान, एमपी, गुजरात और कर्नाटक, गोवा तक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा या हिंसक उकसावे की घटनाएं सामने आई हैं. लेकिन अखिलेश यादव ने एक लफ़्ज नहीं बोला. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी की मुस्लिम लीडरशपि में ज़बरदस्त नाराज़गी पनप रही है. और इस बीच AIMIM मुसलमानों के मुद्दों पर आवाज़ उठाकर समुदाय के बीच अपना वजूद पैदा करने लगी है.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद AIMIM ने यूपी के सभी ज़िलों में अपनी नई इकाईयां गठित कर दी हैं और राज्य के प्रवक्ता तैनात कर दिए है. (UP MLC Election Muslim)