UP Election : यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ‘वेस्ट यूपी’ में चढ़ा सियासी पारा, सभी पार्टियां भर रही जीत का दम

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द लीडर। चुनाव की तारीख नजदीक आते देख वेस्ट यूपी का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। हर पार्टी अपनी जीत का दम भर रही है। इसके साथ ही जोरों शोरों से जनता को लुभाने में जुट गई है। बता दें कि, शनिवार को आरएलडी के मुखिया चौधरी जयंत सिंह ने सहारनपुर से केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। रविवार को आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद चार मंडलों (मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और अलीगढ़) के वर्करों की बड़ी रैली को मेरठ में संबोधित करेंगे।


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अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर में भरेंगे चुनावी हुंकार

सोमवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर में अपनी रथ यात्रा के साथ दस्तक देकर जनसभा के जरिए चुनावी रण में हुंकार भरेंगे। 24 को मेरठ में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और उसके एक दिन पहले एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी मेरठ में जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं, बीजेपी नेताओं की बैठकों का दौर जारी है। साथ ही सीनियर नेताओं को खुद के बूथ पर पन्ना प्रमुख को कमल के पक्ष में वोटरों को साधने का जिम्मा दिया गया है।

किसानों की तादाद सर्वाधिक

2022 के चुनावी रण का आगाज वेस्ट यूपी से होना तय है। वेस्ट यूपी के सहारनपुर जिले की बेहट विधानसभा सीट सूबे में एक नंबर पर आती है। इस वजह से चुनाव आयोग हमेशा चुनावी कार्यक्रम की शुरुआत सहारनपुर से करता है यानी पहले चरण का चुनाव सहारनपुर से होता है। दरअसल, वेस्ट यूपी को किसान बेल्ट, गन्ना बेल्ट, शुगर बाउल कहा जाता है। यहां किसानों की तादाद सर्वाधिक है। इसी के साथ तीन कृषि कानून के खिलाफ दस माह से अधिक से चल रहे आंदोलन की अगुवाई भी वेस्ट यूपी के निवासी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत के हाथ में है। इसी वजह से किसानों को साधने और टिकैत बंधुओं का आशीर्वाद हासिल करने की जुगत में राजनीतिक दल लगे हुए हैं।


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राजनीतिक तौर पर उपजाऊ भूमि है वेस्ट यूपी

सियासी दलों के थिंक टैंक का मानना है कि, वेस्ट यूपी राजनीतिक तौर पर उपजाऊ भूमि है। इसमें जितना खाद बीज (प्रचार प्रसार) डालेंगे उतनी बेहतर फसल (वोट) हासिल कर सकेंगे। इसी वजह से एक के बाद एक बड़े कार्यक्रम यहां लग रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल के वेस्ट यूपी उपाध्यक्ष आसिफ गाजी का कहना है कि, वेस्ट यूपी में 30 अक्टूबर तक चौधरी जयंत की जनसभाएं लगी हुई हैं। हर दिन दो जनसभाएं हैं। उसके बाद जमीनी स्तर पर वर्कर टोलियों में जुटेंगे।

बूथ तक कार्यक्रम करेगी कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता मनोज त्यागी का कहना है कि, आने वाले वक्त में कांग्रेस मंडल जिला , ब्लॉक तहसील लेकर बूथ तक कार्यक्रम करेगी। बीएसपी नेता हाफिज इमरान याकूब का कहना है कि, बीएसपी सेक्टर, विधानसभा से लेकर बूथ तक मीटिंग कर रही है। आगे हर घर दस्तक देने का प्लान है। सपा ने प्रदेश सचिव चौधरी दिनेश गुर्जर का कहना है कि, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की रथयात्रा के साथ ही सभी प्रकोष्ठों की तरफ से हर जिले में प्रोग्राम किए जा रहे हैं। आम जन से समर्थन हासिल करने और नए लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासिल अली का कहना है कि, उनका मोर्चा हर विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन करेगा।


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2022 में किस पर भरोसा जताएगी जनता ?

जैसे-जैसे यूपी विधानसभा चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे अवाम की जुबान पर एक ही सवाल गर्दिश कर रहा है कि, आखिर यूपी विधानसभा चुनाव-2022 का विजेता कौन होगा, किस पार्टी की जीत होगी, कौन रेस में पिछड़ जाएगा, किस नेता के सिर पर सजेगा ताज और किसे करना पड़ेगा जीत के लिए इंतेजार? बता दें कि, उत्तर प्रदेश में कुछ मुद्दे हैं जो इस वक्त सबसे अहम हैं. हालांकि, चुनाव में जीत-हार से जुड़ी दिक्कत ये है जैसे-जैसे चुनाव के दिन करीब होते जाते हैं मुद्दे बदल भी जाते हैं और कभी-कभी तो अचानक ऐसे गर्म मुद्दे की दस्तक हो जाती है कि सभी पुराने गिले शिकवे दूर हो जाते हैं और किसी एक पार्टी के हक में हवा बन जाती है और उसका जीतना तय हो जाता है. अभी क्या मुद्दे हैं? इस वक्त राज्य में किसान आंदोलन, बेरोज़गागी, महंगाई, कोराना की दूसरी लहर की बदइंतजामी, राम मंदिर और मुसलमानों की सरकार से नाराज़गी बड़े मुद्दे हैं. फिलहाल अब देखना ये होगा कि, यूपी विधानसभा चुनाव में जनता किस पार्टी पर अपना भरोसा जताती है.

 

 

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