द लीडर : यूपी में विधानसभा चुनाव की बिसात सजने के बाद अब चालें चली जा रही है. रुहेलखंड की राजधानी कहलाने वाले बरेली की बात करें तो भाजपा के सामने पिछले चुनाव में जीती सभी नौ सीट बचाने की चुनौती है तो विपक्षी दलों के लिए करारी हार का बदला लेने का मौक़ा. सभी सीटों पर मुस्लिम वोट अच्छी ख़ासी तादाद में है. उसे हासिल करने के लिए बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लेमीन, मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ां की आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी. (UP Election Muslim Voter)
शोर भले ही सपा का दिखाई दे रहा है लेकिन जिस तरह असदुद्दीन ओवैसी बरेली में रैली करके गए हैं और उनकी पार्टी के कई उम्मीदवार शहर से लेकर तहसीलों में ताल ठोंके घूम रहे हैं, उससे संभावना दिख रही है कि मुस्लिम वोटों का कुछ हिस्सा उनके खाते में जाएगा. इसी तरह मौलाना तौक़ीर रज़ा खां पर भी नज़रें लगी हुई हैं. वह भी चुनाव में उम्मीदवार उतारने का एलान कर चुके हैं लेकिन फिलहाल उनकी दूसरे राजनीतिक दलों से तालमेल के लिए बात चल रही है.
वह क्या करने जा रहे हैं, यह उन्हीं को पता है. ज़ाहिर सी बात है, तीनों दलों के उम्मीदवार अलग-अगल मैदान में उतरते हैं तो मुस्लिम वोटों का बंटवारा होता साफ़ दिख रहा है. हां, मज़े की बात यह है कि तीनों भाजपा हो हराने का दम ज़ाहिर कर रहे हैं. इन दावों के बीच द लीडर हिंदी ने सपा के इस बेल्ट में सीनियर लीडर रहे और अब वर्तमान में शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के मुख्य महासचिव वीरपाल सिंह यादव से बात की तो वह इंटरव्यू के दौरान मुस्लिम वोटों में बंटवारा रोकने का तरीक़ा बता गए. (UP Election Muslim Voter)