द लीडर हिन्दी: यूपी की राजनीति में ओबीसी वर्ग की अहम भूमिका रहती है। बीजेपी ने पसमांदा समाज को साधने के लिए सम्मेलन कराए। यूपी नगर निकाय चुनाव कराने का हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का फैसला सुनाया है जो कि प्रदेश की योगी सरकार के लिए बड़ा झटका है। ओबीसी आरक्षण के बगैर निकाय चुनाव होने कोे लेकर राजनीतिक दलों ने प्रक्रिया देना शुरू कर दी है।
यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का मंगलवार को फैसला आ गया है। कोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया। लेकिन इसी बीच बीजेपी सरकार पर समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी सरकार को पिछड़ा विरोधी बताया है। सपा के मीडिया सेल ने ट्वीट कर लिखा, “पिछड़ा विरोधी भाजपा का असली चेहरा आज सामने आ गया है. भाजपा यादव विरोधी तो थी ही, भाजपा ने कुर्मी, कोइरी, लुहार, भुर्जी, कश्यप, निषाद, मल्लाह ,गोंड, धुरिया, नाई, तेली, मौर्य, शाक्य, कुशवाहा समेत सभी अन्य पिछड़ा वर्ग सबको धोखा दिया है. समस्त पिछड़ा वर्ग भाजपा की नीयत जान ले.”
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