द लीडर : उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत जेल में बंद मौलाना उमर गौतम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. और अब उनके बेटे अब्दुल्ला को आतंक निरोधी दस्ता (ATS) ने हिरासत में लिया है. उन पर धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग लेने का इल्जाम है. मौलाना गौतम को इसी साल जून में एटीएस ने नोएडा से गिरफ्तार किया था. (UP ATS Abdulla Conversion)
मौलाना गौतम पर सामूहिक रूप से धर्मांतरण गिरोह चलाने का आरोप है. हालांकि उनका परिवार इन आरोपों को नकाराता रहा है. उमर ही नहीं, इस मामले में पुलिस दर्जन भर से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. सितंबर में मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था और उनके बाद हाफिज इदरीश गिरफ्तार किए गए.
एटीएस ने दावा किया था कि ये सभी उस समूह का हिस्सा हैं, जो प्रलोभन या भय दिखाकर हिंदू समुदाय के लोगों का धर्मांतरण कराता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब्दुल्ला अपने पिता की संस्थाओं का काम देखा करते थे. जिसमें अल फारूकी मस्जिद और इस्लामिक दावा सेंटर शामिल है.
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मूलरूप से फतेहपुर के रहने वाले मौलाना उमर हिंदू समुदाय की पृष्ठभूमि से आते हैं. उनका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था. वह उच्च शिक्षित हैं. इन्होंने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था. और इस्लामिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जुट गए. (UP ATS Abdulla Conversion)
धर्मांतरण के आरोप में उलामा की गिरफ्तारी को लेकर मुस्लिम संगठन विरोध भी दर्ज करा चुके हैं. जमीयत उलमा-ए-हिंद मौलाना गौतम समेत इस मामले में पुलिस में गिरफ्त में आए अन्य लोगों की पैरवी कर रही है.
लेकिन यूपी में जिस तरह से धर्मांतरण को लेकर लगातार कार्रवाई का सिलसिला जारी है. अब्दुल्ला की हिरासत इस बात का संकेत है कि भविष्य में और भी लोगों को पकड़ा जा सकता है.