THE LEADER. जम्मू एक्सप्रेस के नाम से मशहूर उमरान मलिक का आख़िरकार वनडे क्रिकेट में पदार्पण हो ही गया. पहले ही मैच में उनका स्पीड को लेकर चर्चा हो रहा है. डेब्यू मैच में उमरान ने 143 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदें फेंकीं लेकिन जब पहला विकेट हासिल किया तो उस गेंद की रफ़्तार थी-153.1 किमी. प्रति घंटा. अगर वो भारतीय टीम बने रहते हैं तो फिर उनसे रावल पिंडी एक्सप्रेस कहलाने वाले पाकिस्तान के स्पीड स्टार शोएब अख़्तर का रिकॉर्ड तोड़ देने की उम्मीद की जा रही है.
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शोएब अख़्तर ने 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे यानी 100.23 माइल पर ऑवर की गेंद फेंककर विश्व रिकॉर्ड क़ायम किया था, जो 19 साल बाद भी नहीं टूट पाया है. वनडे इतिहास की यह सबसे तेज़ गेंद शोएब ने 2003 के विश्वकप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ फेंकी थी. मैदान था साउथ अफ्रीका के केपटाउन का न्यूलैंड्स. अब अगर 23 साल के उमरान की बात करें तो वो आइपीएल में 157 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार की गेंद फेंक चुके हैं. ऐसे में उनसे शोएब अख़्तर के सबसे तेज़ गेंद फेंकने का रिकॉर्ड की उम्मीद बेमायना नहीं है.
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पहले ही वनडे में उमरान मलिक ने न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों को अपनी स्पीड से चौंकाया है. जब उन्होंने डेवोन कॉनवे को विकेटकीपर पंत के हाथों कैच कराया तो इस गेंद की रफ्तार 153.1 किलोमीटर प्रति घंटा थी. उनकी यह गेंद मैच की सबसे तेज गेंद साबित हुई. इस मैच में उमरान को दो विकेट मिले लेकिन 10 ओवर में उन्होंने 66 रन खर्च किए. अब अगर इस मैच में भारत के दूसरे तेज़ गेंदबाज़ों का प्रदर्शन देखें तो अर्शदीप सिंह ने 8 ओवर में ही 68 रन दे दिए. उन्हें विकेट भी नहीं मिला. शर्दुल ठाकुर ने 9 ओवर में 63 रन पिटवा दिए. इस एतबार से जम्मू एक्सप्रेस का अपने पहले वनडे में प्रदर्शन भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों से बेहतर है. कमेंटेटर भी कमेंट्री के दौरान उमरान की प्रशंसा करते दिखे. भले ही भारत न्यूज़ीलैंड से पहला वनडे हार गया लेकिन उमरान की स्पीड का सोशल मीडिया पर भी ख़ूब चर्चा हो रहा है.
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