By-elections: आख़िर रामपुर में क्यों मंगाया जा रहा है इतना फोर्स और अर्द्धसैनिक बल की कंपनियां

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AZAM KHAN
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THE LEADER. समाजवादी पार्टी के क़द्दावर नेता मुहम्मद आज़म ख़ान की विधायकी छिनने के बाद रामपुर में होने जा रहा उपचुनाव कई मायनों में अलग होगा. एक तो रामपुर से 10 बार विधायक रहे आज़म ख़ान या उनके ख़ानदान से कोई उम्मीदवार नहीं है. शमसी बिरादरी से ताल्लुक़ रखने वाले आसिम राजा शमसी उपचुनाव में आज़म ख़ान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. भाजपा पूरे आब-ओ-ताब के साथ चुनाव लड़ रही है.


उवैसी के अब्दुल की दरी रामपुर उपचुनाव में हिट


दूसरी तरफ़ समाजवादी पार्टी ख़ामोशी से प्रचार में लगी है. अपनी तरह का यह पहला चुनाव है, जिसे सपा बिना किसी शोरशराबे के लड़ रही है. न अभी तक पार्टी का कोई नेता प्रचार के लिए रामपुर पहुंचा है और न ही आज़म ख़ान ने कोई बड़ी जनसभा की है. हां, वो शहर के मुहल्लों में घूम ज़रूर रहे हैं. सपा के लोग इसे आज़म ख़ान की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं. अभी तक आज़म ख़ान का चुनाव में महज़ एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कह रहे हैं कि इस बार के बाइ इलेक्शन को सदियां याद रखेंगी. किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है.


उपचुनावः रामपुर में आसिम रजा शमसी होंगे आज़म ख़ान के जानशीन


इसके बरख़िलाफ़ उनके हरीफ़ आकाश सक्सेना उर्फ हनी अपना हर दांव, हर पेंच खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं. मोदी फैक्ट्री को फिर से चलवाने का भरोसा दिलाते दिख रहे हैं तो अब्दुल से दरी नहीं बिछवाने बल्कि जहां उसका पसीना बहेगा, वहां अपना ख़ून बहाने का बात कहते घूम रहे हैं. भाजपा और सपा की इन जद्दोजहद के बीच सबसे बड़ी तैयारी पुलिस की है. सीओ सिटी अनुज चौधरी ने इसे लेकर मीडिया के सामने जानकारी भी दी है. बताया है कि 8 कंपनी बीएसएफ की आएंगी. आरपीएफ के जवान और ज़िले का फोर्स भी मतदान वाले दिन शहर में तैनात रहेगा. चुनाव में जिनसे गड़बड़ी की आशंका है, उन्हें रेड कार्ड भी इश्यू किए जा रहे हैं. पुलिस ऐसे किसी भी शख़्स को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखेगी.


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