नई दिल्ली।
ब्रिटिश सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक को 2 अरब डॉलर की चपत लगा कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। कल ही इस तरह के आदेश पर ब्रिटिश सरकार की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने दस्तखत किये हैं। सी बी आई ने इसकी पुष्टि की है। नीरव मार्च 2019 से ब्रिटेन की जेल में बंद है। सरकार की अनुमति मिलने के बाद भी 14 दिन के अंदर वह कोर्ट में अपील कर सकता है ।
इससे पहले ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने प्रत्यर्पण की याचिका मंजूर कर ली थी और इस मामले को स्वीकृति के लिए गृह मंत्री को भेज दिया था। भारत सरकार लंबे समय से नीरव मोदी के अलावा इसी मामले में वांछित मेहुल चोकसी और ब्रिटेन में ही रह रहे विजय माल्या को भारत लाने का प्रयास कर रही है।
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों को एलओयू के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। पहले ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने प्रत्यर्पण की याचिका मंजूर करते हुए कहा था कि हम ये नहीं स्वीकार कर सकते कि नीरव ने जो किया वह वैध था। यह सही लें देन नहीं था इसमें बेईमानी हुई है। ऐसे मामले भारत की अदालत में लंबित हैं जिनमे उसे सजा होनी चाहिए। प्रथम दृष्टया यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।
नीरव इस समय दक्षिण-पश्चिम लंदन की वांड्सवर्थ जेल बंद है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने 25 फरवरी को नीरव मोदी प्रत्यर्पण मामले में फैसला दिया था। प्रत्यर्पण आदेश पर 15 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए हैं।
वैसे इसी तरह का आदेश पहले किंग फिशर के मालिक विजय माल्या के मामले में हुआ था लेकिन उसका प्रत्यर्पण अभी तक नही हुआ है। नीरव भारत आएगा तो उसे मुम्बई की ऑर्थर जेल में रखा जाएगा।
ये हैं आरोप
नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने एलओयू यानी बैंक गारंटी का गलत इस्तेमाल कर अकेले पंजाब नेशनल बैंक को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था। इस मामले के खुलासे के बाद से ही वह फरार चल रहा था। वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में जब नीरव मोदी की प्रत्यर्पण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी, ब्रिटिश अदालत ने कोरोना की महामारी के दौरान उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने और भारत में जेलों की खराब हालत जैसी दलीलों को खारिज कर उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर मुहर लगाई थी।