
द लीडर : इंडियन आर्मी की अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ भारत में बवाल जारी है. आक्रोशित लड़कों की भीड़ ट्रेन-बसों को आग के हवाले कर रहे हैं. बिहार में आज भी सुबह से ट्रेनें जल रही है. उत्तर प्रदेश के बलिया में भी ट्रेन को आग के हवाले कर दिया है. बिहार के समस्तीपुर में जम्मूवती-गुवाहाटी एक्सप्रेस को फूंक डाला, तो लखीसराय में विक्रमशिला एक्सप्रेस को आग लगा दी. आरा के कुल्हड़िया में पैसेंजर ट्रेन को आग के हवाले कर दिया. इसके अलवा अक्सर, बिहिया, आरा, कटिहार, बेगूसराय, और बिहटा समेत कई ज़िलों में भारी बवाल मचा है. इससे पहले गुरुवार को पांच ट्रेनों को फूंक दिया गया था. (Trains Burning Agneepath Agniveer)
आर्मी की तैयारी कर रहे लड़कों के हिंसक आंदोलन का ये तीसरा दिन है, जिसमें वे सार्वजनिक संपत्तियों को आगे लगा रहे हैं. बिहार में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. तीन दिनों से लड़के सड़कों पर उत्पात मचाए हैं और पुलिस-प्रशासन बेबस नज़र आ रहा है.
बिहार के बक्सर से शुरू हुआ बवाल आरा और लखीसराय तक जा पहुंचा है. समस्तीपुर और बेगूसराय में भी भारी बवाल देखने को मिला. भोजपुर के कुल्हड़िया में पैसेंजर ट्रेन को फूंका. आरा-पटना रेल खंड के कुल्हड़िया स्टेशन पर भी एक पैसेंजर ट्रेन में आग लगा दी है. इसमें ट्रेन की तीन बोगियां जलकर राख हो गईं. जान बचाने के लिए स्टेशन पर मौजूद कर्मी स्टेशन छोड़कर भाग गए. अभ्यर्थियों ने कुल्हड़िया स्टेशन पर ऐलान कर दिया कि जब तक अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा. (Trains Burning Agneepath Agniveer)
लखीसराय में विक्रमशिला एक्सप्रेस को फूंका
बिहार में सैन्य अभ्यर्थियों का बवाल तीसरे दिन उपद्रव की शक्ल ले चुका है. हालत ये हैं कि लखीसराय रेलवे स्टेशन पर सैन्य अभ्यर्थियों ने खौफ का ऐसा माहौल बना दिया जिसका मंजर आप देख सकते हैं. सैन्य अभ्यर्थियों ने पूरी विक्रमशिला एक्सप्रेस को आग के हवाले कर दिया. समस्तीपुर में जम्मूतवी एक्सप्रेस आग के हवाले कर दी. बिहार के दर्जनभर जिलों में उपद्रव हो रहा है.
बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में सेना की तैयारी करने वाले लड़के सड़कों पर बवाल मचा रहे हैं. यूपी के बलिया में ट्रेनें फूंंकने की तस्वीरें सामने आई हैं. अलीगढ़ में बसों में तोड़फोड़ की गई. हिंसक आंदोलन पर पुलिस बेबस है तो मीडिया के भी तेवर बदले हुए हैं. इससे पहले तक के प्रदर्शनों को जब मीडिया तमाम उपाधियों से नवाजता रहा है तो छात्रों की आग्जनी, उत्पात पर उसके सुर पूरी तरह से ढीले पड़े हैं. इतना ही नहीं पुलिस और प्रशासन के एक्शन में भी ढिलाई देखी जा रही है. (Trains Burning Agneepath Agniveer)