द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के ज़िला बरेली में बोर्ड परीक्षाओं के पहले दिन बुर्क़े वाली छात्राओं को रोके जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. इस मसले पर आल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी RAC ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. डीएम की मार्फ़त राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. RAC के पदाधिकारियों का कहना है कि मनोहर भूषण इंटर कॉलेज में बुर्क़ा पहनने वाली छात्राओं का अपमान किया गया है.
उन्हें न सिर्फ़ परीक्षा में बैठने नहीं देने के लिए धमकाया गया बल्कि उन पर नौकरी में भी यही पहनकर जाओगी, जैसे आपत्तिजनक कमेंट्स किए. वही RAC के पदाधिकारियों का कहना है कि जबकि अपनी पसंद के शालीन पहनावे का संविधान अधिकार देता है. तो बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं का मानसिक उत्पीड़न क्यो किया गया. ऐसा करने वाली टीचर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए, वरना फिर सड़कों पर उतरेंगे.
बता दें 22 फरवरी को यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हुई. इस दौरान परीक्षाओं में हिजाब पहनकर छात्राएं पहुंची तो उन्हें गेट पर ही रोक लिया गया. जिसको लेकर स्कूल वालों से छात्राओं की नोंकझोंक भी हुई. बाद में किसी तरह इस मामले को सुलझा लिया गया. लेकिन अब ये मामला बढ़ता दिखाई दे रहा है. जिसके चलते बरेली में RAC के पदाधिकारियों द्वारा ये आवाज उठाई जा रही है कि हिजाब नहीं खीचनें देंगे.आरएसी का बुर्क़े वाली छात्राओं को रोके जाने पर विरोध जता रहे है.
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और टीचर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे है. उन्होंने कहा अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतरेंगे. उन्होंने आगे कहा सरेआम तलाशी लेकर छात्राओं को अपमानित किया गया.संविधान लड़कियों को अपने पहनावे का अधिकार देता है या नहीं. बता दें बरेली में बोर्ड परीक्षा के पहले दिन बुर्क़े को लेकर टिप्पणी की गई थी.