यूपी पुलिस पेपर लीक मामले पर बड़ा फैसला, योगी सरकार ने निरस्त की परीक्षा, 6 महीने में दोबारा होगा एग्जाम

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द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. यूपी पुलिस के पेपर लीक पर भारी बवाल के बाद योगी सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है. आज शनिवार 24 फरवरी को यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई. 6 महीने में दोबारा एग्जाम होगा.पूरे प्रदेश में परीक्षा के पेपर लीक होने का आरोप लगाकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद यूपी सरकार ने ये फैसला लिया कि 6 महीने में फिर से परीक्षा होगी.बता दें 17 और 18 फरवरी को यूपी के 75 जिले में परीक्षा हुई थी.

बता दें पेपर लीक के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है. सीएम योगी ने कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.इसके साथ ही सीएम योगी ने बताया कि 6 महीने के अंदर ही फिर से परीक्षा कराई जाएगी.यूपी पुलिस सिपाही भर्ती रद्द करके योगी सरकार ने लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी.

पेपर लीक के दावों के बाद लाखों अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और दोबारा करवाने की मांग कर रहे थे.सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) के माध्यम से यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द करने की सूचना दी है.उन्होंने बताया कि परीक्षाओं की शुचिताओं से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.

सीएम के इसी संदेश में उन्‍होंने कहा कि ‘परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है.’ इस बीच मुख्‍यमंत्री के एक सहयोगी ने बताया कि परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के ‘रडार’ पर हैं और अब तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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सीएम योगी ने छात्रों की शिकायत के बाद यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को रद्द करने का एलान किया है. छह महीने के अंदर एक बार फिर से ये परीक्षा आयोजित की जाएगी. जल्द ही पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से इसकी घोषणा कर दी जाएगी. बता दें पुलिस भर्ती परीक्षा लीक मामले की जांच एसटीएफ़ को सौंप दी गई है. परीक्षा के बाद से परीक्षार्थी लगातार पेपर लीक को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद इस मुद्दे को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उठाया था.

मामला गरमाने के बाद भर्ती बोर्ड की तरफ से इसकी जांच के लिए अंतरिम कमेटी भी बनाई गई थी और अब सीएम योगी ने इस परीक्षा को निरस्त कर दिया है.