रमजान के महीने का काउंट डाउन शुरू हो चुका है, लेकिन महामारी के चलते दुनिया के कई देशों में पांच बदलाव साफ तौर पर दिखाई देंगे। टीकाकरण भी अधिकांश जगहों पर चल रहा है, लेकिन सावधानी बरतने को बंदिशों का सामना करना होगा। कई तरह के टीके आ चुके हैं, लेकिन वे पूरी तरह कारगर हैं या नहीं, अभी कोई पुख्ता दावा नहीं है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर दुनियाभर में हाई अलर्ट है, कई जगहों पर दोबारा लॉकडाउन लग गया है या फिर प्रतिबंध अमल में लाए जा रहे हैं। इसी माहौल में रमजान ही नहीं ईद का भी त्योहार होना है। भारत में भले ही सख्ती न महसूस हो रही हो, लेकिन बढ़ते मामलों के चलते हर प्रदेश में नए दिशानिर्देश जारी हो रहे हैं। प्रमुख इस्लामी देश सऊदी अरब समेत कई जगहों पर प्रतिबंधों का ऐलान कर भी दिया गया है।
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इन पांच मामलों में दिखेगा बदलाव
1. नमाज
कई देशों में बिना मास्क मस्जिद में नमाज को आने वाले मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने से रोका जाएगा। सऊदी अरब में तो दोनों प्रमुख मस्जिदों में आम लोगों की एंट्री ही बैन कर दी गई है, क्योंकि यहां लाखों की तादाद में लोग नमाज को पहुंचते हैं।
2. एतिकाफ
कई देशों में चूंकि मस्जिदों को बंद रखा जाएगा, इसलिए पुरुष मुसलमान एतिकाफ का पालन नहीं कर पाएंगे, जो मस्जिद के ही किसी हिस्से में करना होता है। महिलाएं एतिकाफ के साथ नमाज अदा कर सकेंगी क्योंकि वे घरों के भीतर ही करती हैं।
3. इफ्तार पार्टी
लोग अपने दोस्तों और परिचितों के साथ कोई सभा या इफ्तार पार्टी नहीं कर पाएंगे। बाजारों में प्रतिबंध होने पर ईद की खरीदारी भी प्रभावित रहेगी। चांद का नजारा देखने के बाद रिश्तेदारों से मिलकर गले लगाना भी संभव नहीं होगा।
4. 27 वां रमजान
जिन जगहों पर लॉकडाउन या कड़े प्रतिबंध हैं वहां 27वें रमजान को भी खास तरीके से नहीं मनाया जा सकेगा, जिसे दुआ कबूल होने की खास रात के सामाजिक दूरी निभाने पर घरों या मस्जिदों में विशेष धार्मिक सभा या उपदेश नहीं हो पाएंगे।
5. तरावीह की नमाज़
महामारी की बंदिशों के बीच तरावीह की नमाज़ भी बरकरार नहीं रहेगी। जबकि रमजान में “तरावीह” खास इस्लामिक परंपरा है।