कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी पुलिस के इस फरमान बवाल, अखिलेश से लेकर गीतकार जावेद अख़्तर ने खड़े किये सवाल

0
46

द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर जिले के सभी दुकानदारों, ढाबों, फल विक्रेताओं और चाय की दुकानों ने प्रशासन के निर्देशानुसार अपने प्रतिष्ठानों या वेंडिंग ठेलों पर मालिकों या कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करना होगा.जिसपर विवाह खड़ा हो गया है.इस आदेश विपक्ष के निशाने पर है. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के इस फ़ैसले पर टिप्पणी की है, अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? अखिलेश यादव ने इस मामले में अदालत से कार्रवाई की मांग भी की है.

अखिलेश ने ट्वीट किया है, “माननीय न्यायालय ख़ुद संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं.” इससे पहले मुज़फ़्फ़रनगर में सावन मे होने वाले कांवड़ यात्रा के रूट में मौजूद होटल ढाबे या ठेले जितने भी खानपान की दुकानें हैं, हर किसी को उसके मालिक या काम करने वाले का नाम लिखने का निर्देश दिया है.पुलिस के मुताबिक़ यह निर्देश कांवड़ियों को भ्रम से बचाने और बाद में क़ानून व्यवस्था की कोई परेशानी से बचने के लिए दिया गया है.

बता दें मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के इस नया आदेश की बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख़्तर ने तुलना हिटलर के दौर की नाज़ी जर्मनी से की है. जावेद अख़्तर ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश पुलिस की मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने कहा है कि एक ख़ास यात्रा के रूट पर दुकानों, होटलों और यहाँ तक कि गाड़ियों पर उनके मालिक के नाम स्पष्ट तौर पर लिखे होने चाहिए, क्यों? नाज़ी जर्मनी में ख़ास दुकानों और मकानों के ऊपर एक निशान लगाया करते थे.”