महामारी में इंसानियत को शर्मसार करती चार घटनाओं के दरमियान दिलों को सुकून देती यह तस्वीर

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अनुभव शर्मा का अंतिम संस्कार करते उनके दोस्त मुहम्मद यूनुस.

एक अन्य घटना भी यूपी की है. एक बेटे ने अपनी मां का अंतिम संस्कार करने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उनकी मौत कोरोना से हुई थी. जिसके बादद स्थानीय लोगों की मदद से बेटी ने अपनी मां का अंतिम संस्कार कराया.

मुरादाबाद में रेमडेसिविर और फैबिफ्लू की अवैध बिक्री करने वाले चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनके पास से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन और 12 फैबिफ्लू टैबलैट बरामद किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक ये अस्पतालों में काम करने वाले नर्सिंग स्टॉफ के लोग हैं, जो मरीजों को दी जाने वाली दवा चुराकर बाजार में बेचते थे.

 

उत्तर प्रदेश के एक गांव में 55 वर्षीय महिला की कोरोना से मौत हो गई. गांव वालों ने महिला को अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. बेबस पति अपनी पत्नी की लाश साईकिल पर लेकर घूमते रहे. इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार नदीम ने ट्वीट किया, उन्होंने लिखा-माना लिया पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया है. पीएम, सीएम, डीएम सब दोषी हैं. लेकिन कहां गयी समाज की इंसानियत? क्या पीएम, सीएम, डीएम ने गांव में जाकर पड़ोसियों को इस बूढ़े को पत्नी की लाश के अंतिम संस्कार में मदद से रोका था? लानत है उस पूरे गांव पर, धिक्कार है. कोई एक बंदा तो निकल सकता था मदद को.

मुजफ्फरनगर में अनुभव शर्मा की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार की रस्म अनुभव के अजीज दोस्त मुहम्मद यूनुस ने अदा की. दाह संस्कार करती ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. लोग सामाजिक एकता और मुहब्बत के इस रिश्ते को सलाम कर रहे हैं. तमाम घटनाओं के बीच यकीनन ये तस्वीर लोगों के दिलों को सुकून दे रही है.

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