द लीडर हिंदी : बिहार में 16 फरवरी (शक्रवार) को तेजस्वी यादव के साथ जिप्सी की सवारी करने के बाद आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में दाखिल हो चुकी है. लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर ये यात्रा काफी अहम मानी जा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में न्याय यात्रा वाराणसी पहुंच चुकी है. जहां उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की.
इसके साथ राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज वाराणसी के कई रास्तों से होकर गुजरेगी.वही खबर मिल रही है. कांग्रेस ने प्रशासन से यात्रा के दौरान ज्ञानपुर के विभूति नारायण इंटर कालेज में रात गुजारने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, प्रशासन ने अनुमति देने से मना कर दिया. बता दें आज राहुल गांधी की यात्रा का यूपी में दूसरा दिन है. यात्रा को शुरू हुए 35 दिन हो चुके हैं.
चंदौली से शुरू हुई ये यात्रा दूसरे दिन भदोही पहुंचेगी. हालांकि, वहां ऐसा पेंच फंसा कि राहुल गांधी को पूरी रात खेत में बितानी पड़ेगी. कांग्रेस ने प्रशासन से यात्रा के दौरान ज्ञानपुर के विभूति नारायण इंटर कालेज में रात गुजारने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, प्रशासन ने अनुमति देने से मना कर दिया. इसके चलते राहुल गांधी को भदोही के मुंशी लाटपुर गांव में खेत में रात बितानी होगी. उनके रुकने के लिए खेत में टेंट का बंदोबस्त भी किया जा रहा है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में चौथी बार हाजिरी लगाई.
बता दें गोदौलिया से रथयात्रा रूट पर पहली बार कोई कांग्रेस नेता राजनीतिक यात्रा करेगा. इससे पहले पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने बनारस में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है.ये पहला मौका है जब राहुल गांधी बनारस की जनता से रोड़ शो के जरिये रूबरू होंगे.
जानिए कांग्रेस और वाराणसी का कनेक्शन
परंपरा निभाने के मामले में राहुल गांधी हमेशा आगे रहते है.ऐसा एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साबित कर दिखाया. दरअसल देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का बनारस से गहरा लगाव था. पं. नेहरू ने तो 1910 से 1950 तक बनारस की कई यात्राएं कीं. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनका बनारस आना जाना लगा रहता था. वहीं इंदिरा गांधी ने भी बनारस की राजनीतिक और धार्मिक यात्राएं की थीं.
राहुल गांधी के परनाना पं. जवाहर लाल नेहरू पहली बार 1910 में अपने पिता पं. मोतीलाल नेहरू के साथ बनारस आए थे. इसके बाद 1921 में काशी विद्यापीठ के स्थापना समारोह में पहुंचे थे. इसके बाद 1942 और 1946 में वह बनारस पहुंचे थे. आजादी के बाद बतौर प्रधानमंत्री पं. नेहरू 1950 और 1952 में काशी आए थे.
बता दें राहुल की दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1980 के चुनाव की बनारस यात्रा ऐतिहासिक थी. प्रो. सतीश कुमार राय ने बताया कि 31 दिसंबर 1979 की शाम आठ बजे उनकी सभा निर्धारित थी. वह 14 घंटे की देरी से एक जनवरी 1980 को सुबह 10 बजे पहुंचीं. बरसात भरी सर्द बावजूद के बाद भी जनता उनके इंतजार में डटी रही.