मौलाना तौकीर रजा समेत साल 2010 दंगे के आरोपियों को फिलहाल नहीं मिली राहत-पढ़ें ये खबर

द लीडर हिंदी : आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान समेत बरेली के चर्चित दंगे से जुड़े मामले में फिलहाल राहत नहीं मिल पाई है. ज़िला जज ने केस ट्रांसफर अर्ज़ी पर सुनवाई के बाद 18 मार्च की तारीख़ लगा दी है. यह अर्ज़ी दंगे के आरोपी शाहरुख़ की तरफ से दाख़िल की गई है. इसमें कई वजहें बताते हुए स्पेशल फॉस्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत से मामला हस्तांतरित करने की मांग की गई है. इस मामले में हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बरेली आकर बहस की. ज़िला जज ने तमाम दलील सुनने के बाद अगली तारीख़ लगा दी.

दंगे से जुड़े मामले में मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को मुख्य मास्टर माइंड मानते हुए उनका ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया गया है. इस बार इसका तामीला बरेली के एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को कराना है.बता दें मौलाना बरेली में नहीं हैं. यहां मुहल्ला सौदागरान में उनके आवास पर ताला लगा है. वही पुलिस NBW के मद्देनज़र उनकी तलाश कर रही है. उन्हें 19 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाना है. यह भी कहा जा रहा है कि मौलाना ने हाईकोर्ट का रुख़ किया है लेकिन वहां से भी अभी कोई राहत भरी ख़बर नहीं है.

ऐसे में इस मामले को लेकर 18 मार्च को केस ट्रांसफर एप्लीकेशन पर सुनवाई और उसके बाद 19 मार्च को फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में तारीख़ बेहद अहम हो गई है.बता दें मौलाना तौकीर रजा 2010 के दंगे में मास्टर माइंड घोषित हुए हैं .बता दें आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी में बरेली पुलिस का पसीना छूट रहा है. सीओ के नाकाम रहने के बाद कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी एसएसपी को दी है.वही दो सीओ के नेतृत्व में 20 पुलिसकर्मियों की टीम मौलाना की तलाश में जुटी है. मिली जानकारी के मुताबीक फिलहाल मौलाना की लोकेशन दिल्ली के एक धर्मस्थल में मिल रही है.

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तौकीर का वारंट दोबारा जारी किया गया
मिली जानकारी के मुताबीक एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट से बुधवार को मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ दोबारा से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इस बार वारंट एसएसपी के नाम से संबोधन करके जारी किया गया है, मतलब कि 19 मार्च 2024 को मौलाना को गिरफ्तार कर पेश कराने की जिम्मेदारी एसएसपी को सीधे तौर पर दी गई है. वारंट में मारपीट, हमला, बलवा, सेवन क्रिमनल लॉ एक्ट और साजिश रचने जैसी वह सभी धाराएं लगाई गई हैं जिनमें मुकदमे के बाकी आरोपियों पर चार्जशीट लगी है.