Mikhail Gorbachev: बिना खून बहाए शीत युद्ध को खत्म करने वाले नेता नहीं रहे, सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाईल गोरबचेव का निधन

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Mikhail Gorbachev
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The leader Hindi:  सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया । रूसी एजेंसियों ने अस्पताल के अधिकारियों का हवाला देते हुए उनके निधन की सूचना दी. वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल के एक बयान के हवाले से बताया है कि लंबी बीमारी के बाद उन्होंने मंगलवार को अंतिम सांस ली. बता दें कि जून में उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बाद अस्पताल ले जाया गया था. सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने बिना खूनी संघर्ष के शीत युद्ध को समाप्त करा दिया था. हालांकि सोवियत संघ के पतन को रोकने में नाकाम रहे थे.

 

मिखाइल गोर्बाचेव USSR के अंतिम नेता थे. उन्हें ओजस्वी सोवियत नेता माना जाता था, जो नागरिकों को आजादी देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों की तर्ज पर कम्युनिस्ट शासन में सुधार लाना चाहते थे. क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोवियत राजनेता के निधन पर अपनी गहरी सहानुभूति व्यक्त की है.
मिखाइल गोर्बाचेव का जन्म 2 मार्च 1931 को एक गरीब परिवार में हुआ था. 1985 में सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बनने पर, केवल 54 वर्ष की आयु में उन्होंने सीमित राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता की शुरुआत करके व्यवस्था को पुनर्जीवित किया था, लेकिन उनके सुधार नियंत्रण से बाहर हो गए. जब 1989 में साम्यवादी पूर्वी यूरोप के सोवियत ब्लॉक राष्ट्रों में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, तो उन्होंने बल प्रयोग करने से परहेज किया था.

 

राष्ट्रपति पद से हटने के बाद मिखाइल गोर्बाचेव को दुनियाभर में कई अवार्ड्स और सम्मान दिए गए. गोर्बाचेव को 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. शीत युद्ध को बिना रक्तपात के खत्म करने में उन्होंने काफी अहम भूमिका निभाई थी और इसी वजह से उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

 

उनकी मृत्यु पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा- मिखाइल गोर्बाचेव की मृत्यु के बारे में सुनकर दुखी हूं। उन्होंने शीत युद्ध को खत्म करने का जो साहस और अखंडता दिखाई वह प्रशंसनीय है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें ‘मैन ऑफ पीस’ बताया। उन्होंने कहा- मिखाइल ने रूसियों को स्वतंत्रता का रास्ता दिखाया। यूरोप में शांति के लिए उनकी प्रतिबद्धता ने हमारे इतिहास को बदल दिया।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा- गोर्बाचेव एक ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने इतिहास बदल दिया। शीत युद्ध के शांतिपूर्ण अंत के लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है।

अमेरिकी नेता और बॉडी बिल्डर अरनॉल्ड श्वार्जनेगर ने भी मिखाइल गोर्बाचेव की मौत पर दुख जताते हुए उनके साथ अपनी एक फोटो ट्वीट की। उन्होंने लिखा- एक पुरानी कहावत है, नेवर मीट योर हीरोज। मुझे लगता है कि यह सबसे खराब सलाह है, जो मैंने सुनी है। मिखाइल गोर्बाचेव मेरे हीरो थे। उनसे मिलना सम्मान और खुशी की बात थी।गोर्बाचेव विवादास्पद व्यक्ति रहे। पुतिन के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे। पुतिन सोवियत संघ के टूटने को ट्रैजडी मानते हैं। इसके लिए गोर्बाचेव को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। पुतिन के साथ कई रूसी नेता ये मानते हैं कि सोवियत संघ के टूट जाने के बाद रूस कमजोर पड़ा गया और उसकी इकोनॉमी गिर गई। इस समय रूस आर्थिक संकट का सामना कर रहा था।

 

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