Telangana Election 2023: क्या ओवैसी अब कह पाएंगे राहुल गांधी हैदराबाद से लड़कर दिखाएं?

द लीडर हिंदी: चार राज्यों में चुनाव को लोकसभा का सेमीफ़ाइनल माना गया और रिज़ल्ट ने इसका अहसास भी कराया है. तीन राज्यों का जनादेश भाजपा की फ़तेह लेकर आया तो एक राज्य (Telangana Election 2023) कांग्रेस के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया.

वो राज्य जिस का नाम तेलंगाना है, जिसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का गढ़ कहा जाता है. जहां से सांसद बनने के बाद AIMIM प्रमुख बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी देशभर में पैठ बढ़ा रहे हैं.

महाराष्ट्र से लेकर बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी तक आकर अपनी धमक दिखा चुके हैं लेकिन जब ओवैसी के राज्य में चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने उन्हें कड़ी चुनौती पेश की. तब वो राहुल गांधी को लेकर बहुत आक्रामक दिखाई दिए.

ओवैसी ने यहां तक कह दिया कि ओवैसी में हिम्मत है तो हैदराबाद से चुनाव लड़कर दिखाएं. मुझसे पंजा लड़ाएं. पता चल जाएगा किसमें कितना दम है. ख़ैर कौन कितने पानी में था, रिज़ल्ट सामने आ चुका है.

119 में से 64 सीट जीतकर कांग्रेस तेलंगाना में सरकार बनाने जा रही है. तब जबकि असदुद्दीन ओवैसी चीख़-चीख़कर बीआरसए को तीसरी बार सत्ता में लाने की दुहाई देने में लगे थे.

मुस्लिम वोटर ने उनके कंडीडेट को तो वोट किया लेकिन उनके कहने से बीआरएस से मुंह मोड़ लिया. कांग्रेस की तरफ चले गए. इस तरह ओवैसी की अगुवाई वाली AIMIM पहले की तरह सात सीटें जीतने में कामयाब रही.

उसके दो कंडीडेट हार गए. ओवैसी के भाई अकरुद्दीन ओवैसी चंद्रयान गुट्टा से, मीर जु़ल्फ़िक़ार चारमिनार से, कौसर मुहीउद्दीन कारवान से, अहमद बिन अब्दुल्ला, मलकपेट से, माजिद हुसैन नामपल्ली से, ज़फ़र हुसैन मेराज याकुतपुरा से और मुहम्मद मुबीन बहादुरपुरा से जीते हैं.

राजेंद्रनगर और जुबली हिल्स में AIMIM कंडीडेट परास्त हो गए. इस बार के विधानसभा चुनाव में बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी दो मोर्चे हारे हैं. एक तो वो लाख कोशिशों के बावजूद केसीआर को तीसरी बार तेलंगाना का सीएम नहीं बनवा पाए. दूसरे अपने गढ़ हैदराबाद में भाजपा को बढ़ने से रोक पाने में नाकाम रहे.

भाजपा उनसे एक सीट ज़्यादा यानी 8 जीतने में कामयाब हो गई. जहां से वो सांसद हैं, उस हैदराबाद में वो अपनी पार्टी का कंडीडेट नहीं उतार पाए. इसके लिए उनकी भूमिका को लेकर सवाल भी खड़ा हो रहा है.

कांग्रेस तेलंगाना की जीत से बेहद ज़्यादा उत्साहित है. रिज़ल्ट से यह साफ़ भी हुआ है कि मुस्लिम वोट बैंक क्षेत्रीय दलों को छोड़कर कांग्रेस की तरफ़ लौटता दिख रहा है.

यही वजह है कि कांग्रेस ने यूपी में भी उलमा के साथ सम्मेलन करने का एलान कर दिया है. इसकी शुरूआत जल्द पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होने जा रही है.

Abhinav Rastogi

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