तेजस्वी यादव का सवाल-क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते कि बिहार में शराब सिर्फ बोतल में बंद है!

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Tejashwi Yadav Bihar Liquor
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव.

द लीडर : बिहार में शराबबंदी के 5 साल हो गए हैं. 2016 में शराबबंदी कानून बना था. लेकिन इतने अरसे पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई. और इसकी अवैध बिक्री जारी है. जहरीली शराब से चंद दिनों में करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. विपक्षी पार्टी-राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इन मौतों को सरकारी संरक्षण में संस्थागत हत्या करार दिया है. राज्य के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी और इसकी तस्करी पर 15 सवाल उठाए हैं. जिनके जरिये सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. (Tejashwi Yadav Bihar Liquor)

तेजस्वी यादव ने कहा-बिहार में आए दिन शराब की बड़ी खेप पकड़ी जाती है. इन्हें छोड़ने के लिए थानों से बोलियां लगाई जातीं. जिसका बड़ा हिस्सा अफसर और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को जाता है. क्या मुख्यमंत्री को इसकी खबर नहीं है, बिल्कुल है.

बिहार में दूसरे राज्यों से अवैध शराब आती है. क्या पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों की मिलीभगत के ये संभव है? क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते हैं कि राज्य में शराब सिर्फ और सिर्फ बोतल में बंद है. जबकि चारों तरफ थानों-प्रशासन की निगरानी में हर चौक-चौराहे पर शराब की धड़ल्ले से बिक्री होती है.


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क्या मुख्यमंत्री ये भी नहीं जानते हैं कि शराब तस्करों को दी जा रही इस सहूलियत के बदले जो धन मिलता है. उसी से उनकी पार्टी, बिहार की सबसे धनवाद पार्टी बन गई है. (Tejashwi Yadav Bihar Liquor)

तेजस्वी यादव ने कहा कि, राज्य में शराबबंदी कानून को ढंग से लागू नहीं किया गया. जिससे 20 हजार करोड़ की एक समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है. जिसके बड़े लाभार्थी भाजपा और जदयू में बैठे शराब माफिया के लोग हैं. इस खेल में प्रशासन और पुलिस के अफसर भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी इसलिए ठीक से लागू नहीं हो सकी, क्योंकि इसे लागू करने वाले के मन में खोट है. आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने बड़ी चतुराई से शराबबंदी से होने वाली अवैध आमदनी को अपनी पार्टी की रीढ़ की हड्डी बना लिया.

यहां तक कि आज तक शराब माफिया से मिलीभगत के आररोप में किसी बड़े अफसर या नेता पर एक्शन नहीं हुआ. जबकि भाजपा-जदूय के नेताओं के विरुद्ध सबूत भी मिलते रहे हैं. वीडियो भी सामने आए.

न ही कोई दौलतमंद, रसूखदार शराबबंदी कानून के तहत जेल गया. इसलिए क्योंकि वे पैसा देकर छूट जाते हैं. दूसरी तरफ गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों के करीब 3 लाख लोग जो पैसा नहीं दे पाए. उनकी जिंदगी खराब कर दी गई. इससे उनके परिवार की आर्थिक और मानसिक स्थिति, दोनों प्रभावित हुईं. (Tejashwi Yadav Bihar Liquor)

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि शराबबंदी मुख्यमंत्री की नाकामी है. और जहरीली शराब से हो रही मौतों के वही जिम्मेदार हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि शराबबंदी से पैदा भ्रष्टाचार और संस्थागत हत्याओं के जिम्मेवार मुख्यमंत्री नहीं हैं.

उन्हें ये बताना चाहिए कि शराबबंदी की बैठकों के बाद जमीन पर इसका कितना असर हुआ. उन्होंने कहा, नवादा, मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज, बेतिया, बक्सर आदि दूसरे ज़िलों में ज़हरीली शराब से हुई सैंकड़ों मौतों का ज़िम्मेवार कौन है?

आज करीब 6 वर्ष बाद भी शराबबंदी क़ानून सही से लागू नहीं हो पाया . उसका अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आया तो इसका ज़िम्मेवार कौन है? क्या यह विशुद्ध रूप से गृहमंत्री सह-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अदूरदर्शिता, असफलता और कमजोर नेतृत्व क्षमता का परिचायक नहीं है? (Tejashwi Yadav Bihar Liquor)

 

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