तेजस्वी यादव ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जब काम किया है तो क्रेडिट क्यों न लें?

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द लीडर हिंदी : विपक्षी दलों के लिये 2024 लोकसभा चुनाव की गलिया तंग होती नजर आ रही है. कल बिहार में सुबह से शाम तक राजनीतिक गतिविधियां काफी तेज रहीं. सीएम नीतिश कुमार दो बार राजभवन गए. एक बार इस्तीफा देने और दूसरी बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने.

इस में फर्क इतना ही था कि इस बार उन्होंने यूटर्न मारते हुए आरजेडी का साथ छोड़कर एक बार फिर से बीजेपी के खेंमे में आकर उनका दामन थाम लिया. नीतिश के साथ बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ली.

सुबह नीतिश के इस्तीफा देते ही तेजस्वी यादव पूर्व उपमुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद उन्होंने ललकारते हुए कहा कि खेल अभी बाकी है. 2024 में ही जेडीयू खत्म हो जाएगी. बता दें बिहार में नई सरकार बन गई है लेकिन अब सियासी वार पलटवार हो रहे है. नीतीश ने कल जो बयान दिया उस पर तेजस्वी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. और काम का क्रेडिट लेने को जायज बताया है.

बता दें नीतिश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव काफी नाराज हैं. तेजस्वी लगातार नीतिश कुमार पर कटाक्ष कर रहे है. उन्होंने कहा कि नीतिश एक थके हुए सीएम थे. हमलोग धक्के मारकर विकास का काम करवा रहे थे. इसके साथ ही तेजस्वी ने यह भी कहा कि खेल होना अभी बाकी है, क्योंकि खेल अभी शुरू हुआ है.

उन्होंने कहा कि मैं लिखित में दे सकता हूं कि जेडीयू 2024 में खत्म हो जाएगी. जनता हमारे साथ है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतिश कुमार के बीजेपी से हाथ मिलाने और इस्तीफा देने के बाद महागठबंधन सरकार खत्‍म होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आकर कहा कि अभी तो शुरुआत हुई है, खेल अभी बाकी है.

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जनता उनके साथ है और इस मुद्दे को लेकर भी वह जनता के बीच जाएंगे. तेजस्वी यादव ने साफ शब्दों में कहा, ‘जब काम किया है तो क्रेडिट क्यों न लें? हमारे 79 विधायक हैं और सरकार में हमारे अधिक मंत्री थे.

तेजस्वी यादव आखिरकार कैमरे के सामने नज़र आए
काफी लम्बे समय से चुप्पी साधे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आखिरकार कैमरे के सामने नज़र आए. तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हम उनके(नीतीश) साथ सरकार बनाए तो सबसे पहले हमने रोजगार और शिक्षा पर ध्यान दिया.

रोजगार के लिए जब हमने कई विभागों में वैकेंसी निकालने और कई क्षेत्रों में नौकरियां बांटने की बात की तो इन्होने हमसे पूछा कि ‘पैसा कहाँ से लाओगे?’ शिक्षा और खेल के बदले हमने फिर भी नियुक्ति पत्र बांटेहमने फिर भी मात्र डेढ़ सालों में इतने नियुक्ति पत्र बाँट कर हमने विश्व रिकॉर्ड बनाया है.