सुशांत सिंह राजपूत (21 जनवरी 1986-14 जून 2020)
कोरोना काल में इस रहस्मयी बीमारी का खौफ ही वह स्थायी भाव था जो लोगों के दिलों में पसरा रहा. अन्य सभी भाव इससे कहीं बहुत नीचे गहराइयों में दब चुके थे. इस दौरान हिंदी फिल्मों के स्टार अभिनेता सुशांत राजपूत की मौत की खबर कोरोना के भय से पैदा हुए स्थायी भाव पर हावी हुई. (Sushant Singh Rajput Birthday)
खगोलशास्त्र में गहरी रुचि रखने वाले सुशांत सिंह राजपूत आज ही के दिन पटना में कृष्णा कुमार सिंह और ऊषा सिंह के घर जन्मे थे. सुशांत की हाई स्कूल तक की पढ़ाई दिल्ली में हुई और उच्च शिक्षा के लिए वे दिल्ली चले आये. भौतिक विज्ञान के ओलंपियाड विजेता सुशांत ने साल 2003 में दिल्ली प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में अभियांत्रिकी में स्नातक की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया. लेकिन आप युवा हैं तो आपके सपने और रास्ते तेजी बदलते रहते हैं.
विश्वविध्यालय में सुशांत की दिलचस्पी डांस और थियेटर में बढ़ने लगी. वे शौकिया तौर पर नृत्य और नाटक के आयोजनों में भागीदारी करने लगे. वे नाच और नाटक में इतना रम गए कि अब उन्हें पढ़ाई एक रुकावट लगने लगी. इस रुकावट को अपने रास्ते से हटाने के लिए सुशांत ने अपनी 4 साल की डिग्री के तीसरे साल अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी. दरअसल पढ़ाई के दौरान उन्होंने श्यामक डावर की डांस क्लासेज में दाखिला ले लिया. जहां उन्हें नाटकों में दिलचस्पी रखने वाले लड़के मिले, जो बैरी जॉन के नाटकों में शामिल हुआ करते थे. इसके बाद अभिनय को कैरियर बनाने का विचार सुशांत के दिल में जड़ें पकड़ गया. 2005 में शायमक डावर के फिल्मफेयर अवार्ड में भागीदारी करने वाले डांस ट्रूप का हिस्सा सुशांत भी थे. अब तक अभिनेता बनने की इच्छा रखने वाले सुशांत पक्के तौर पर तय कर चुके थे कि उन्हें बॉलीवुड में ही अपना करियर बनाना है.
अगर आप कुछ तय कर ही लें तो उसे कर भी गुजरते हैं. सो 2008 में स्टार प्लस के रोमांटिक ड्रामा ‘किस देश में है दिल मेरा’ से सुशांत का एक अभिनेता के रूप में सफ़र शुरू हो गया. इसके बाद सुशांत सभी प्रमुख टीवी चैनलों के प्रमुख धारावाहिकों में दिखाई दिए.
2013 में सुशांत सिंह राजपूत छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक पहुंच गए. उनकी पहली फिल्म काय पो छे कामयाब भी हुई और इसमें उनका अभिनय भी सराहा गया. इसके बाद शुद्ध देसी रोमांस, पीके, एम. एस. धोनी-द अनटोल्ड स्टोरी, केदारनाथ, छिछोरे जैसी ढेरों कामयाब और चर्चित फ़िल्में सुशांत के हिस्से आयीं.
सुशांत का फ़िल्मी कैरियर बुलंदी पर था. बिहार जैसे हिंदी भाषी राज्य के एक गैर फ़िल्मी बैकग्राउंड के लड़के के तौर पर उनकी उपलब्धियां बहुत ख़ास थीं. सुशांत उन खुशकिस्मत लोगों में थे जिनका हर ख्वाब पूरा होता है. विज्ञान के छात्र के तौर पर भी उनकी उपलब्धियां ख़ास थीं और अब वे रुपहले पर्दे के एक कामयाब स्टार अभिनेता थे.
लेकिन एक शांत, चमकती झील की गहराइयों में क्या छिपा है इसकी थाह कोई कैसे लगा सकता है. सुशांत के मन के कोनों में भी ऐसा कुछ था जो उन्हें निराश कर रहा था. निराशा इस हद तक पैठ चुकी थी कि सुशांत अवसाद का शिकार हो गए और उन्हें मनोश्चिकित्सक की शरण में जाना पड़ा.
महीनों के इलाज से जब ऐसा लगा की वे ठीक हो रहे हैं तभी एक दिन वे घर में मौजूद अपने मित्रों के पास से अचानक उठे और अपने कमरे में चले गए. इस कमरे में पंखे से उनकी लाश टंगी पायी गयी. पोस्टमार्टम में उनकी मौत का कारण दम घुटना बताया गया. सभी वजहें इस ओर इशारा कर रही थीं कि सुशांत ने आत्महत्या की है.
बाद में कई लोगों को उनकी आत्महत्या का कारण माना गया. इनमें फिल्म इंडस्ट्री में मौजूद भाई-भतीजावाद समेत प्यार समेत कई एंगल सामने आये. सियासत ने भी अपनी तरह से उनकी चिता पर भी रोटियां सेंकीं. कई नाटकीय घटनाक्रमों के बाद उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती व अन्य लोगों पर इस केस में मुक़दमा कायम किया गया. सीबीआई जांच की भी घोषणा हुई.
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