द लीडर : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा को मंजूरी दिए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. अदालत ने योगी सरकार से कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.
Supreme Court asks Uttar Pradesh government to reconsider its decision to allow Kanwar Yatra pic.twitter.com/zfCdYzZDAB
— ANI (@ANI) July 16, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों का स्वास्थ्य और जीवन का अधिकार सर्वोपरि है. जबकि धार्मिक भावनाएं मूल मौलिक अधिकार है. यूपी सरकार सोमवार तक अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराए, नहीं तो अदालत अपना आदेश पारित कर देगी.
केंद्र ने दायर किया हलफनामा
केंद्र की ओर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकारों को हरिद्वार से ‘गंगा जल’ लाने के लिए कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
Centre files affidavit in SC -State govts mustn't permit movement of Kanwariyas for bringing 'Ganga Jal' from Haridwar in view of #COVID19. However, considering religious sentiments, State govts must develop system to make 'Ganga Jal' available via tankers at designated locations pic.twitter.com/oliWcKl0vo
— ANI (@ANI) July 16, 2021
हालांकि, धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को यह निर्देश दिए जाए कि वह शिवालयों व प्रमुख स्थानों पर टैंकरों के माध्यम से ‘गंगा जल’ उपलब्ध कराने के लिए प्रणाली विकसित करें.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि टैंकर शिवालयों समेत प्रमुख निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध हों ताकि आस-पास के लोग वहां से ‘गंगा जल’ लेकर अपने नजदीकी शिव मंदिरों में ‘अभिषेक’ कर सकें.
कोविड प्रोटोकाॅल का पालन किया जाए
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताता है कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिवालयों और निर्धारित स्थानों पर टैंकर के द्वारा ‘गंगा जल’ का वितरण करते समय शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जाए. मास्क पहनने समेत सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
उप्र सरकार को रखना होगा अपना पक्ष
केंद्र की ओर से हलफनामा दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह कांवड़ यात्रा को अनुमति दिए जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. क्योंकि यह मामला हम सभी से संबंधित है और जीवन के मौलिक अधिकार के केंद्र में है.
भारत के नागरिकों का स्वास्थ्य और जीवन का अधिकार सर्वोपरि है, अन्य सभी भावनाएं चाहे वे धार्मिक हों, यह मूल मौलिक अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार को अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराने को कहा, नहीं तो आदेश पारित कर देगी.