द लीडर हिंदी, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में डीजे पर रोक लगाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया है। यानी अब प्रदेश में डीजे पर रोक नहीं लगेगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि, डीजे से ध्वनि प्रदूषण होता है।
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डीजे ऑपरेटरों को सुने बिना लगा था प्रतिबंध
शीर्ष अदालत ने अक्तूबर 2019 में हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया कि, उच्च न्यायालय ने डीजे ऑपरेटरों को सुने बिना ही प्रतिबंध लगा दिया था और एक असंबंधित याचिका में आदेश पारित किया।
हाईकोर्ट के आदेश से डीजे ऑपरेटर्स की आजीविका पर संकट
इस पेशे से जुड़े लोगों की पैरवी करने वाले वकील दुष्यंत पाराशर का कहना है कि, डीजे ऑपरेटर विवाह समारोह, जन्मदिन पार्टी और खुशी के अन्य मौकों पर अपनी सेवाएं देकर रोजी-रोटी चलाते हैं। हाईकोर्ट के आदेश से उनकी आजीविका पर संकट पैदा हो गया है। याचिका में कहा गया है यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
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लाइसेंस लेकर ही डीजे बजाया जा सकेगा
वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए डीजे पर लगे बैन को हटा दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि, ध्वनि प्रदूषण मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि, प्रदेश सरकार द्वारा जारी लाइसेंस लेकर ही डीजे बजाया जा सकेगा।
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