
द लीडर : सुप्रीमकोर्ट ने गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और परिवार के लोगों की हत्या के दोषियों की रिहाई पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. दोषियों की ज़मानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने गुजरात सरकार से सप्ताह में जवाब मांगा है. (Supreme Court Bilkis Bano)
बिलकिस बानो 2002 के गुजरात दंगों की पीड़िता हैं. जहां भीड़ ने उनके परिवार पर हमला कर दिया था. बिलकिस के अलावा उनकी मां और बहन के साथ सामूहिक बलात्कार किया. तब बिलकिस पांच माह की गर्भवती थीं. भीड़ ने उनकी मां-बहन और परिवार के लोगों का क़त्ल कर दिया. इस जघन्य अपराध के 11 दोषी आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे थे.
जिन्हें 15 अगस्त के दिन रिहा कर दिया गया. रिहाई राज्य सरकार के आदेश पर हुई है. जिसमें दोषियों के आचरण का हवाला दिया गया. दोषियों की रिहाई के बाद हंगामा खड़ा हो गया. और चहुं ओर से इसकी निंदा होने लगी. राजीतिक दलों से लेकर सामाजिक और महिला संगठनों ने सरकार के इस फ़ैसले पर गंभीर प्रश्न उठाते हुए आलोचना की.
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इसको लेकर कुछ स्वतंत्र लोगों ने सुप्रीमकोर्ट का रुख़ किया. सुप्रीमकोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया था, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई और शीर्ष अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है. (Supreme Court Bilkis Bano)
आपको बता दें कि बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के बाद उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया था. फूल-मालाएं पहनाकर टीके लगाए गए थे. और इस रिहाई के बाद कुछ स्थानीय नेताओं के बयान भी आए थे, जिसमें बलात्कार और हत्या के दोषियों को संस्कारी बताया गया था. इन तस्वीरों के बाद ही इस मामले में आलोचनाएं तेज़ हो गई थीं.