द लीडर : पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ सुन्नी-बरेलवी मसलक के उलमा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 5 फरवरी को आतंकवाद विरोध दिवस मनाया है. उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में दरगाह आला हजरत परिसर स्थित इस्लामिक रिसर्च सेंटर पर ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के नेतृत्व में एक कार्यक्रम हुआ. तंजीम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस्लामिक इदारों (संस्थानों) में पाकिस्तान द्वारा आतंक को शह दिए जाने की निंदा की है.
मौलाना ने कहा कि, रविंद्र हरेश्वर म्हात्रे, जोकि ब्रिटेन में भारत के राजदूत थे. 6 फरवरी 1984 को ब्रिटेन में उन्हें अगवा कर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस घटना को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के सहयोग से अंजाम दिया गया था. म्हात्रे को याद करते हुए हम आतंक के खात्मे के लिए एकजुटता की अपील करते हैं.
उलमा ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि उसे भारत में आतंकी गतिविधियां संचालित करने से बाज आना चाहिए. पूर्व में उसकी ओर से ऐसी जितनी भी कोशिशें हुईं हैं, भारत ने उन सबको नाकाम किया है. इस बात की जरूरत जताई कि सभी को मिलकर पाकिस्तान के इस नापाक इरादे को दुनिया के सामने उजागर करना चाहिए.
मुफ्ती कमर रजा खा ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम अमन-शांति का पैगाम लेकर आया. पैगंबर-ए-इस्लाम ने किसी शख्स को तकलीफ नहीं पहुंचाई. मौलाना मुजाहिद हुसैन बोले, आतंकी संगठनों के कारण पूरी दुनिया में मुसलमानों की छवि खराब हुई है.
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इसलिए मुसलमानों को इसके खिलाफ पूरी ताकत से आवाज उठानी चाहिए. मौलाना ताहिर रजा फरीदी ने भारत सरकार से मांग की है कि आतंक को पालने वाले संगठनों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएं. इस दौरान मुफ्ती हाशिम रजा खां, मुफ्ती तौकीर अहमद, मौलाना फाईक आलम, मौलाना खुर्शीद अहमद, आरिफ अंसारी आदि ने अपने विचार रखे.