‘इंडिया’ गठबंधन के पोस्टर बॉय के रूप में उभरे सोरेन, जीत लिया इन दिग्गजों का दिल

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द लीडर हिंदी: झारखंड में राजनीतिक भूचाल के बीच हेमंत सोरेन हीरो बनकर उभरें है. सभी की जुबान पर सोरेन का ही नाम है. हेमंत सोरेन ने सत्ता के लिए झुकने से जो इंकार किया है वो उसकी मिसाल बन गए.कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर खरगे तक हेमंत की प्रशंसा के कसीदे पढ़ रहे है.क्योकि डगमगाते कदम को बड़ी हिम्मत जो हेमंत सोरेन से मिली है.

बता दें झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार ने आसानी से विश्वास जीत कर विपक्ष के मनोबल को बढ़ा दिया है. सीएम चंपई सोरेन की जीत को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि ‘ऑपरेशन लोटस’ के खौफ के कारण पहले सत्ताधारी दल की तरफ से जेएमएम-कांग्रेस के सभी विधायकों को विशेष विमान से हैदराबाद भेजा गया था.

विश्वास मत हासिल करने के एक दिन पहले उन्हें वापस रांची लाया गया. झारखंड के अब कांग्रेस नेतृत्व की नजर अब बिहार में फ्लोर टेस्ट पर है. बिहार कांग्रेस के विधायकों को पटना से हैदराबाद ले जाया गया है.

हीरो बने सोरेन, सत्ता के लिए झुकने से किया इनकार!
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानना है कि हेमंत सोरेन के ‘साहस’ ने झारखंड में न सिर्फ सत्ता को बचाने में कामयाबी हासिल की.वहीं हेमंत सोरेन ने ‘बीजेपी’ के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया गया. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हेमंत सोरेन के इस ‘साहस’ ने इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के विभिन्न नेताओं के मनोबल को बढ़ाने का काम किया है.

वही राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान जिस तरह से हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में आदिवासी समाज पर अत्याचार और गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार के साथ राजभवन को कठघरे पर खड़ा किया, उससे आगामी चुनाव के पहले विपक्ष को अभियान चलाने के लिए एक प्रभावी और बड़ा मुद्दा मिल गया है.हेमंत की ललकार ने मौजूदा सरकार के इरादों पर तगड़ा प्रहार किया है.

राहुल और खरगे ने हेमंत सोरेन की प्रशंसा की
लोकसभा चुनाव नजदीक है. और राजनीति गलियारों में चुनावी दाव-पेच खेले जा रहे है.इस खेल में कोई पास तो कोई फेल होता दिखाई दे रहा है. हेमंत सोरेन भी इस खेल का हिस्सा बने है जिसपर राहुल गांधी ने भी विधानसभा में हेमंत सोरेन को दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा गया कि यह आदिवासियों का सामूहिक दर्द है.

उन्होंने एक्स पर लिखा- ‘बीजेपी इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकती कि राज्य में एक आदिवासी सीएम है. दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विश्वास मत की जीत को ‘मोदी-शाह की साजिशों के लिए झटका’ बताया। उन्होंने कहा कि- ‘हम सत्ता के लालची लोगों से झारखंड के जल, जंगल और जमीन की रक्षा करेंगे.

हेमंत का ‘साहस’ आया काम, डगमगाते कदम को मिली बड़ी हिम्मत
बता दें कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन के इस ‘साहस’ से राष्ट्रीय स्तर पर डगमगाते सहयोगियों और नेताओं को हिम्मत मिली है. कांग्रेस के रणनीतिकारों में इस बात को लेकर खास चिंता बनी हैं कि विभिन्न राज्यों की गैर एनडीए दलों और प्रमुख नेताओं पर पाला बदलने का दबाव है. इसे लेकर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन ने पहले भी सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है.

विभिन्न दलों के नेताओं के बारे में मिल रही रिपोर्ट और अटकलों से भी कांग्रेस परेशान हैं, ऐसे में हेमंत सोरेन के इस कदम से संपूर्ण विपक्ष को बड़ी राहत मिली हैं. बता दें रांची जमीन घोटाला मामले में 31 जनवरी को ईडी ने पूर्व मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद झामुमो के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना.

उन्‍होंने 3 फरवरी को राजभवन में मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली.विधानसभा परिसर में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी पहुंचे जहां उन्होंने मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधता.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के पोस्टर बॉय के रूप में उभरे हैं.विपक्षी दलों के सभी नेता हेमंत सोरेन ‘दबाव’ में झुकने से इनकार करने के लिए सराहना कर रहे हैं.