द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए ‘समर्पण निधि अभियान’ चलाया तो पूरे देश से रामभक्तों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विदेशों में रह रहे भारतीयों और विदेशी रामभक्तों ने भी इसमें अपना खूब योगदान दिया। अब तक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास लगभग 3500 करोड़ रुपये समर्पण निधि (चंदा) के रूप में एकत्र हो चुके हैं। लेकिन अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विदेशी रामभक्तों से प्राप्त चंदे को उन्हें वापस कर रहा है। एक कानूनी खामी विदेशी रामभक्तों के इस सहयोग को स्वीकार करने में बड़ी बाधा बन रही है।
लेकिन अब लौटा रहे हैं पैसा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास एफसीआरए लाइसेंस नहीं है, वह विदेशी स्रोतों से चंदा स्वीकार नहीं कर सकता है, इसलिए अब ट्रस्ट विदेश में रह रहे भारतीयों, अनिवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों के विदेशी खातों से प्राप्त सहयोग राशि को वापस कर रहा है। अब तक 18 हजार से ज्यादा विदेशी दानकर्ताओं को उनका पैसा वापस किया जा चुका है। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। सभी दानदातओं का पैसा वापस करने में कुछ समय लग सकता है।
जल्दी ही दोबारा कर सकेंगे सहयोग
ट्रस्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हमने सितंबर 2020 में ही एफसीआरए के लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। अभी इस लाइसेंस को मिलने में लगभग एक महीने का समय लग सकता है। इस लाइसेंस के प्राप्त हो जाने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की दिल्ली शाखा में एक विशेष खाता खोला जाएगा। विदेशी नागरिक इस अकाउंट में सीधे पैसा दान कर सकेंगे। उसके बाद समय-समय पर यह पैसा ट्रस्ट के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
अब तक का सबसे बड़ा अभियान
विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर निर्माण के लिए धनराशि एकत्र करने हेतु 15 जनवरी 2021 से 27 फरवरी 2021 तक ‘समर्पण निधि अभियान’ चलाया था। विहिप के 20.21 लाख कार्यकर्ताओं ने देश के 5.37 लाख गांवों तक पहुंचकर चंदा एकत्र किया था। कूपन काटकर और ऑनलाइन माध्यम से अब तक लगभग 3500 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया जा चुका है।