हजरत शाहदाना वली के कुल में उमड़ा अकीदतमंदों का हुजूम

द लीडर : बरेली में शाहदाना वली रहमतुल्लाह अलैह का 450वां उर्स शानो शौकत के साथ मनाया जा रहा है. बुधवार को कुल की रस्म अदा की गई, जिसमें भारी संख्या में अकीदतमंदों का हुजूम पहुंचा. खानकाहे तहसीनिया के सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां ने जायरीन के हक में दुआएं की. (Shahdana vali ka urs)

इससे पहले दरगाह के मुतावल्ली अब्दुल वाजिद खान ने जायरीन को खिताब किया. उन्होंने कहा, भारत सूफी-संतों की सरजमीन है. ख्वाजा गरीब नवाज से लेकर वारिस पाक तक. सभी ने सूफी परंपरा के अंतगर्त देश को एकता के धागे में बांधा. यही वजह है कि बुुजुर्गों की दरगाहों पर सभी धर्मों के चाहने वाले लोग पहुंचते हैं, जो कौमी एकता की सबसे मजबूत मिसाल है.

कव्वाली की महफिल सजी. शाम को उलामा-ए-कराम ने दरगाह पर नातो मनकबत का नजराना पेश किया. बाहर से आए जायरीन ने गुलपोशी और चादरपोशी की. उर्स की व्यवस्थाओं में यूसूफ इब्राहिम, हाजी अबरार खान, इरफान रज़ा, सलीम रजा, खलील कादरी आदि शामिल रहे. (Shahdana vali ka urs)


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वहीं, समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी इरफानुल हक, सपा महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, सैफ वली खान, डॉ. अनीस बेग भी उर्स में हाजिर हुए.

दरगाह के मीडिया प्रभारी वसी अहमद वारसी ने बताया कि 11 नवंबर को केले शाह बाबा के उर्स की रस्म अदा की जाएगी.

Ateeq Khan

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