Rampur : आजम खान के घर पहुंचे UP के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ राजद्रोह का केस

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Sedition case Aziz Qureshi

द लीडर : उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ रामपुर के सिविल लाइंस थाने में संगीन धाराओं में केस दर्ज हो गया है. सांसद आजम खान के घर, उनकी बीवी डॉ. तजीन फातिमा से मुलाकात के बाद अजीज कुरैशी ने सरकार पर निशाना साधा था. उनके बयान पर भाजपा नेता आकाश कुमार सक्सेना ने पूर्व राज्यपाल पर दंगा भड़काने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई. इस पर पुलिस ने पूर्व राज्यपाल कुरैशी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 153-A,153-B, 124-A, 505 (1) (B) की धाराओं में मामला दर्ज किया है. (Sedition case Aziz Qureshi)

अजीज कुरैशी शनिवार की रात रामपुर पहुंचे थे. जहां वे आजम खान के घर गए. उनकी बीवी से मिले थे. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में अजीज कुरैशी ने कहा था कि, ये सरकार आजम भाई के पीछे पड़ गई है. इसलिए, क्योंकि उन्होंने मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी तामीर कराई. वे मुसलमान बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं. जबकि कुछ लोग हैं, जिनकी ख्वाहिश, इस कौम को हमेशा जाहिल ही देखने की है.

अपने बयान में पूर्व राज्यपाल ने कहा था कि, डॉ. तजीन फातिमा जैसी औरतें अल्लाह और पैदा करें. ताकि वह मुकाबला कर सकें और जिंदा रहना सिखा सकें. एक सवाल के जवाब में कुरैशी बोले-आजम खान के लिए हम दुआ कर सकते हैं.


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लेकिन जिस तरीके से उन पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं. सरकार पीछे ही लग जाए. तो रिवाइव करने के लिए ये शैतान और इंसान के बीच की लड़ाई है. राक्षस-शैतान, दरिंदे एक तरफ हैं. जबकि इंसान एक तरफ. जो हो रहा है, वो हम सब देख रहे है. (Sedition case Aziz Qureshi)

उनके इस बयान पर भाजपा नेता आकाश कुमार सक्सेना ने रविवार को पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी. इस आरोप के साथ कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी रामपुर आए थे. वह आजम खान के घर गए. वहां से आकर उन्होंने सरकार के खिलाफ जिस भाषा का उपयोग किया है. और अभद्र टिप्पणी की हैं.

उससे ऐसा लगता है कि अजीज कुरैशी यूपी को तालिबान बनाना चाहते हैं. मैंने कोतवाली में तहरीर दी है. (Sedition case Aziz Qureshi)

बता दें कि अजीज कुरैशी वही शख्स हैं, जिन्होंने गवर्नर रहते हुए मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के बिल को मंजूरी दी थी. 2014 में तब वह उत्तराखंड के राज्यपाल थे और यूपी के कार्यवाहक राज्यपाल की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे.

इसको लेकर अजीज कुरैशी ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने यूनिवर्सिटी के बिल पर दस्तख्त करके कोई बड़ा कारनामा नहीं किया है न ही कोई तार मारा है. मैंने सिर्फ जस्टिस किया है. वो, जो नहीं मिल रहा था. दसियों साल तक यूनिवर्सिटी का बिल पेंडिंग रहा. कोई भी राज्यपाल इसे कर सकते थे. लेकिन नहीं किया.

जौहर यूनिवर्सिटी के बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद ही अजीज कुरैशी को राज्यपाल का पद गंवाना पड़ा था. इसको लेकर वह स्पष्ट कर चुके हैं कि इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है. समाज और कौम की शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटी जरूरी है. और मैंने बस अपना फर्ज निभाया है.

रामपुर के एएसपी संसार सिंह ने कहा कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ शिकायत मिली है. जिस पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. आगे की कार्यवाही की जाएगी.

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