लखनऊ में धारा-144 लागू, मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिये गाइडलाइंस जारी

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द लीडर हिंदी : 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई . पूरी अयोध्या एक छावनी के रूप में नजर आई. समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी देखी गई. इसके साथ ही लखनऊ में भी धारा 144 लागू कर दी गई है.

किसी तरह की कोई घटना ना हो इसका ख्याल रखा गया है. बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान परिसर और आगंतुकों की उच्च स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर को कठोर सुरक्षा विवरणों से ढंक दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) द्वारा तीन-स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है.

मंदिर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) को तैनात किया गया है. 20 जनवरी की रात 8:00 बजे से ही अयोध्या की सभी सीमाएं सील हो गई हैं. अयोध्या की सीमा में कोई वाहन बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

आमंत्रित अतिथि और पास निर्गत हुए मीडिया कर्मियों को ही मिलेगा प्रवेश, अयोध्या धाम में मीडिया कर्मी चार पहिया वाहन से मूवमेंट नहीं कर पाएंगे. मीडिया कर्मियों को फाटक शीला पार्किंग में ही अपने वाहन को करना पड़ेगा पार्क, राम कथा संग्रहालय व राम की पैड़ी पर ही मीडिया कर्मी रिपोर्टिंग कर सकेंगे. बता दें कि जनपद की सीमा से आज रात 8:00 बजे से डायवर्सन लागू हो जाएगा.

यूपी की राजधानी लखनऊ में लगाई गई धारा 144
लखनऊ डीएम ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आदेश दिया है कि बड़ा इमामबाड़ा प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बंद रहेगा. हुसैनाबाद ट्रस्ट ने पर्यटकों के लिए बंद का आदेश दिया है. लखनऊ जिलाधिकारी हुसैनाबाद ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. 22 जनवरी को बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा बंद रहेगा. इसके साथ ही भूल भुलैया, पिक्चर आर्ट गैलरी भी बंद रखने के आदेश दिए गए हैं.

मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस जारी
सरकार ने मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को राम मंदिर कार्यक्रम से संबंधित झूठी और हेरफेर की गई सामग्री प्रकाशित करने से बचने के लिए कहा है. समारोह से पहले, वीआईपी टिकट, राम मंदिर प्रसाद प्रदान करने का दावा करने वाले कई फर्जी लिंक सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की और कहा कि “कुछ असत्यापित, उत्तेजक और फर्जी संदेश फैलाए जा रहे थे, खासकर सोशल मीडिया पर, जो सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं.

एडवाइजरी में कहा गया है, “इसके अलावा, उनके उचित परिश्रम दायित्वों के हिस्से के रूप में, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सलाह दी जाती है कि वे ऊपर उल्लिखित प्रकृति की जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित या प्रकाशित न करने के लिए उचित प्रयास करें।”

बता दें कि शुक्रवार को ई-कॉमर्स साइट अमेज़न को ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ की लिस्टिंग हटाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से नोटिस दिया. अमेज़ॅन ने कहा कि वह अपनी नीतियों के अनुरूप ऐसी लिस्टिंग के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रहा है.

कुछ दिन पहले, प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तत्काल वीआईपी टिकटों का वादा करते हुए नकली क्यूआर कोड वाला एक व्हाट्सएप संदेश बड़े पैमाने पर साझा किया गया था. मंदिर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम केवल निमंत्रण के लिए है और ट्रस्ट ने स्वयं चुनिंदा अतिथियों को निमंत्रण भेजा है.