अवमानना के नोटिस का जवाब न देने पर SC सख्त, आचार्य बालकृष्ण, रामदेव कोर्ट में पेश होने का आदेश

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द लीडर हिंदी : बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के नोटिस का जवाब न देने पर पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक बाबा रामदेव और प्रबंधक निदेशक (MD) आचार्य बालकृष्ण को निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. 2 हफ्ते के अंदर उन्हें कोर्ट के सामने पेश होना होगा.दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना मामले में नोटिस दिया था, लेकिन दोनों ने ही कोर्ट को कोई जवाब नहीं दिया.इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया.

आपको बता दें बाबा रामदेव और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बीच जंग काफी दिनों से चल रही है. बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से ऐसे विज्ञापन लगातार दिए जा रहे थे, जिनमें असाध्य रोगों को भी आयुर्वेद से ठीक करने का दावा किया गया था.रोक के बावजूद औषधीय उपचार से संबंधित भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पतंजलि को अवमानना का नोटिस जारी किया था, जिसका कंपनी ने जवाब नहीं दिया.जिसके बाद कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया.

कोर्ट पहले भी लग चुका है फटकार
बतादें इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को उसके उत्पादों के बारे में न्यायालय में दिए गए पूर्व के आश्वासनों के उल्लंघन और दवाओं के असर से जुड़े गलत दावों के मामले में कड़ी फटकार लगाई थी.वही न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए.

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन,पिछले साल नवंबर में किया था आगाह
इससे पहले भी कई बार बाबा के खिलाफ कई मामले सामने आए थे. वही अब पतंजलि भ्रामक विज्ञापन ने बखेड़ा खड़ा कर दिया. बतादें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने याचिका में बताया था कि पतंजलि ने दावा किया था कि योग अस्थमा और डायबिटीज को ‘पूरी तरह से ठीक’ कर सकता है. पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर केंद्र से परामर्श और गाइडलाइंस जारी करने का आदेश दिया था. पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके अधिकारियों को मीडिया में (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह की) अन्य दवा प्रणालियों के बारे में कुछ गलत कहने के लिए आगाह किया था.कंपनी ने पहले अदालत के समक्ष अपने हलफनामे में ऐसा नहीं करने की बात कही थी. पिछले साल 21 नवंबर को, कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया था कि आगे से कानून का कोई उल्लंघन नहीं होगा.

रामदेव और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बीच जंग
मिली जानकारी के मुताबीक बाबा रामदेव और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बीच जंग काफी दिनों से चल रही है.वही बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से ऐसे विज्ञापन लगातार दिए जा रहे थे, जिनमें असाध्य रोगों को भी आयुर्वेद से ठीक करने का दावा किया गया था. इसी के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.वही सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए बाबा रामदेव को फटकार भी लगाई थी. वहीं, बाबा रामदेव ने भी इस मामले में कहा था कि अगर वो झूठे हैं, तो 1000 करोड़ का जुर्माना लगाया जाए. उन्होंने ये भी कहा था कि अगर गलती की है, तो मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं. अब देखना ये है कि सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पेश होते हैं या नहीं और फिर अदालत का इस मामले में क्या रुख रहता है.