TMC नेता का बड़ा बयान, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने चाहिए लोकसभा चुनाव

0
30

द लीडर हिंदी : सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लोकसभा चुनाव कराए जाएं. हम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 2024 का चुनाव चाहते हैं. चुनाव आयोग से TMC का भरोसा उठा गया है.ये कहना है तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन का. चुनाव आयोग से नाराजगी जताते हुए आज तृणमूल कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मांग की है कि लोकसभा चुनाव सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होना चाहिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की चाल से देश का चुनाव आयोग बर्बाद हो रहा है.इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी चुनावी माहौल को खराब कर रही है और इसमे अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ रही है.

इसके साथ ही कहा- बीजेपी की चालें चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को ”नष्ट” कर रही हैं. डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए है.सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने लाभ के लिए चुनाव आयोग जैसे संस्थानों को तबाह करने में जुटी हुई है. राज्यसभा में टीएमसी नेता ने कहा कि क्या भाजपा लोगों का सामना करने से इतनी घबरा गई है कि वह निर्वाचन आयोग को अपनी पार्टी के कार्यालय में बदल रही है?

बता दें कि इससे पहले TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी ECI द्वारा डीजीपी राजीव कुमार को बदलने के फैसले के बाद केंद्र सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि, “हमने देखा है कि बीजेपी ECI सहित विभिन्न संगठनों को हथियाने की पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों और विभिन्न संगठनों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. ऐसे में भी लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज जो हमने देखा वह बीजेपी का ही अक्स है. यह ईसीआई सहित इस प्रकार के संगठनों के कामकाज को पकड़ने और निगरानी करने की पूरी कोशिश कर रहा है. इन लोगों ने केंद्रीय एजेंसियों पर नियंत्रण कर लिया है. चुनाव आयोग ने जिस तरह से घोषणाएं की हैं उसमे हम देख सकते हैं कि किस तरह से इन फैसलों में भाजपा की छाप है. बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि इन संस्थाओं को अपने मुताबीक चलाए.

आपको बता दें लगातार विपक्ष चुनाव आयोग से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत करता आया है .लेकिन लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के दौरान विपक्ष के इस मुद्दे को आयोग ने नजर अंदाज कर दिया. जिसके बाद चुनाव आयोग और बीजेपी पर विपक्ष लगातार निशाना साधता हुआ दिखाई दे रहा है. वही डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा की गंदी चाल की वजह से देश के चुनाव आयोग जैसे संस्थान बर्बाद हो रहे हैं. क्या बीजेपी लोगों का सामना करने से इतना परेशान है कि वह वह चुनाव आयोग को विपक्ष पर निशाना साधने का दफ्तर बना रखा है. यह ईसीआई है या एचएमवी. चुनी हुई सरकारों में अधिकारियों का तबादला हो रहा है। फ्री एंड फेयर चुनाव के लिए हम मांग करते हैं कि चुनाव को सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कराया जाए.

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को छह राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गृह सचिवों को हटाने के आदेश जारी किए. इसके अलावा, ईसीआई ने छह राज्यों के कुछ प्रमुख अधिकारियों को हटाने का भी आदेश दिया, जिसे उसने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के सिद्धांतों को बनाए रखने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।. साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है.

ये भी पढ़ें-https://theleaderhindi.com/sc-strict-on-not-responding-to-contempt-notice-orders-acharya-balkrishna-baba-ramdev-to-appear-in-court/

बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 7 चरणों में होंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 43.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 22 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 40.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 18 सीटें जीतीं.वही कांग्रेस ने राज्य में दो सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार बीजेपी और चुनाव आयोग पर विपक्ष की नजर है.जिसके चलते ‘सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लोकसभा चुनाव कराए जाने की टीएमसी नेता ने मांग की है.