द लीडर हिंदी : देश में इनदिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न की झड़ी लगा दी है. लालकृष्ण अडवानी के बाद नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एम. एस स्वामीनाथन को भारत ‘रत्न’ से सम्मानित करने की घोषणा की. जिसपर राजनीति शुरू हो गई है. पीएम ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये कदम उठाया है.
बतादें राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आगामी दिनों में देश में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी सरकार ने ‘भारत रत्न’ सम्मान की घोषणा की है. एक सोची समझी राजनीति का यह हिस्सा माना जा रहा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा जोरों पर है. इस बीच कांग्रेस के बाद अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद संजय राऊत ने बीजेपी को फटकार लगाते हुए कहा है कि शिवसेनाप्रमुख और वीर सावरकर को कैसे भूल गए?
संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि खुद को हिंदुत्ववादी कहने वाली मोदी सरकार एक बार फिर हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे और वीर सावरकर को भूल गई है. सांसद संजय राऊत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की है,
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज देश में राममंदिर निर्माण को लेकर उत्सव मनाया जा रहा है, जिनकी वजह से अयोध्या में पीएम मोदी राम मंदिर का जश्न मना रहे हैं, जिन्होंने पूरे भारत को हिंदूमय बनाया…जिनकी वजह से मोदी अयोध्या में राम मंदिर का जश्न मना सके. ऐसे में हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे को कैसे भूल गए, इस सरकार ने न तो वीर सावरकर और न ही हिंदूहृदयसम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को सम्मान दिया.
भाजपा ने नियम क्यों तोड़े?
वार पर वार करते हुए संजय राऊत ने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘भारत रत्न’ देने के नियमों का उल्लंघन किया है. पहले 2 और अब 3, एक महीने में 5 नेताओं को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया. जबकि साल में ज्याद से ज्यादा तीन लोगों के नाम ही ‘भारत रत्न’ के लिए घोषित किए जाने की परंपरा रही है.
सरकार ने ये परंपरा कैसे तोड़ी. बता दें बीजेपी के इस कदम से ये अंदाजा तो लगाया जा सकता है के 2024 की प्लानिंग के तहत रेवडी के भाव भारत रत्न बांटे जा रहे है