द लीडर : बरेली कॉलेज बरेली. ये उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में रुहेलखंड की सबसे पुरानी शैक्षिक संस्था हैं. अंग्रेजों ने 1837 में इसकी बुनियाद रखी थी. जंगे आजादी की तारीख में इसका मकाम काफी ऊंचा है. लेकिन आजकल ये अपनी तारीख से कम बल्कि विवादों को लेकर ज्यादा चर्चित है. 18 अक्टूबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP)के छात्र नेताओं ने कैंपस में जमकर तोड़फोड़ की और उत्पात मचाया. लेकिन कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन दोनों खामोश हैं. इससे नाराज समाजवादी पार्टी के छात्रनेता गुरुवार को प्राचार्य कक्ष में धरने पर बैठ गए. स्पष्ट मांग के साथ कि जिन लोगों ने कॉलेज में गुंडई की है. कॉलेज प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करे. (Samajwadi Chatra Sabha Bareilly)
कॉलेज के निवर्तमान छात्रसंघ महामंत्री ह्रदेश यादव, समाजवादी छात्रसभा के जिलाध्यक्ष मुकेश यादव के नेतृत्व में सछास और दूसरे फ्रंटल संगठनों के दर्जनों छात्रनेताओं ने प्रदर्शन किया है.
सछास के जिलाध्यक्ष मुकेश यादव ने प्राचार्य को एक मांग पत्र दिया. जिसमें कैंपस में उपद्रव की निंदा के साथ दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज न कराने की आलोचना की है. सवाल भी पूछा है कि एफआइआर क्यों नहीं कराई? कॉलेज प्रशासन इसका कारण बताए. सछास ने चेतावनी दी है कि कार्रवाई नहीं की गई तो दो दिन बाद बड़ा आंदोलन होगा.
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सछास के काफी दबाव के बाद प्राचार्य डॉ. अनुराग मोहन भटनागर ने चीफ प्रॉक्टर को एक पत्र लिखा है. जिसमें कैंपस में तोड़फोड़, उपद्रव करने वालों के खिलाफ दो दिन के अंदर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
प्राचार्य ने अपने पत्र में भी काफी फर्नीचर तोड़े जाने का जिक्र किया है. और कॉलेज की छवि खराब किए जाने पर अफसोस जताया है. लेकिन घटना के तीन दिन तक कॉलेज प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करा सका? इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. छात्रनेता ही नहीं बल्कि आम छात्र भी यही प्रश्न कर रहे है. (Samajwadi Chatra Sabha Bareilly)
ये विवाद एक मामूली सी बात को लेकर शुरू हुआ था. 12 अक्टूबर को एबीवीपी के एक छात्रनेता की कर्मचारी के साथ बहस हो गई थी. मामला बढ़ गया. आरोप ये है कि कर्मचारी ने छात्रनेता के साथ हाथापाई कर दी. टकराव की नौबत पैदा हो गई. कॉलेज प्रशासन मामले को डील नहीं कर पाया. और स्थिति कैंपस में तोड़फोड़ तक जा पहुंची.
समाजवादी छात्रसभा की ओर से कार्रवाई की मांग करने वालों में सछास के महासचिव पाल विक्रांत सिंह, उपाध्यक्ष ठाकुर प्रदीप सिंह, प्रशांत कुमार, प्रशांत यादव ,जिला सचिव पवन वर्मा, सौरभ गंगवार, अमरीश यादव, श्यामवीर यादव,ऋषभ यादव, करन सिंह, मधुनेश यादव, मंजीत सिंह, उमेश यादव, जिगेन्द्र गौतम, अंकित पाल, अर्जुन सिंह, राजवीर मौर्य, जावेद मलिक गद्दी, शिवा श्रीवास्तव, विशेष शर्मा, अभि राठौर, हर्ष पटेल, विनीत पटेल सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.