द लीडर : दिल्ली के सिविल डिफेंस में तैनात राबिया का कत्ल हुए एक सप्ताह बीत चुका है. साबिया को जिस बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया. उस बर्बरता ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. लेकिन मैनस्ट्रीम मीडिया से राबिया की मौत का मुद्दा गायब है. सिविल डिफेंस के ही एक युवक ने राबिया के कत्ल का आरोप कबूल किया है. लेकिन परिवार इससे असंतुष्ट है. उनके आरोप बेहद गंभीर है. जिसको पर अब दिल्ली से लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. Sabiya Murder Case Delhi)
दिल्ली में कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने विरोध मार्च निकाला. तो शुक्रवार की शाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)में भी कैंडल मार्च के साथ प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं.
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सोशल मीडिया पर भी पर जस्टिस फॉर राबिया की मुहिम चल रही है. उसमें उनकी निर्मम हत्या का जिक्र किया जा रहा है. राबिया का शरीर पर धारधार औजार से अनगिनत वार किए गए थे. उनके सीने पर भी धारदार से जख्मी करने के निशान थे. परिवार का आरोप है कि पुलिस गंभीरता से मामले को नहीं देख रही है.
कांग्रेस अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने दिल्ली के तुर्कमान गेट से कैंडल मार्च निकाला. इसमें राबिया के परिजनों को उचित मुआवजा दिए जाने और उनका केस हरियाणा से दिल्ली ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. साबिया दिल्ली के संगम बिहार में रहती थीं. उन्हें हरियाणा के फरीदाबाद ले जाकर मारा गया था. (Rabiya Murder Case Delhi))