भारत-पाकिस्तान की तरह कभी रूस और यूक्रेन भी थे एक देश, अब जंग के मैदान में-क्या है वजह

0
579
Russia Attack on Ukraine
रूस यूक्रेन के बीच जंग का दृश्य.

द लीडर : यूरोपिनय देशों के समूह, नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑग्रेनाइजेशन (NATO)की चेतावनी को नज़रंदाज करते हुए रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ जंग छेड़ दी है. रूस ने यूक्रेन को तीन छोर से घेर रखा है. गुरुवार को उसने छह मिसाइलें दांगी. रूस के हमले के बाद यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की है. बेलारूसी सीमा पर रूसी टैंक तैनात हैं. इससे कीव समेत पूरे यूक्रेन में अफरा-तफरी का माहौल है. (Russia Attack on Ukraine)

यूक्रेन पर रूस के हमले की अमेरिका समेत नाटों देशों ने कड़ी निंदा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी-7 देशों के साथ बैठक कर रूस के ख़िलाफ सख्त कार्रवाई पर चर्चा की योजना सार्वजनिक की है.

यूक्रेन ने भारत से भी हस्तक्षेप की मांग की है. इधर इस जंग को लेकर भारत में बेचैनी का आलम है. इसलिए, क्योंकि क़रीब 20 हज़ार भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. विवाद के बीच कुछ छात्र भारत आने में सफल हुए. लेकिन अब, जब जंग शुरू हो गई तो यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र इंडियन दूतावास के बाहर डटे हैं. और अपने लिए पनाह की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर पैरेंट्स भारत सरकार से छात्रों की सुरक्षा और उनकी वापसी की गुहार लगा रहे हैं. (Russia Attack on Ukraine)


इसे भी पढ़ें-महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में


 

इस सबके बीच ये जानना ज़रूरी है कि रूस और यूक्रेन के बीच आख़िर विवाद की वजह क्या है? क़रीब 4.41 करोड़ की आबादी वाला यूक्रेन 30 साल पहले तक रूस का हिस्सा रहा है. यानी रूस और यूक्रेन एक ही देश हुआ करते थे. 1991 में यूक्रेन ने सोवियन संघ से आज़ादी का ऐलान कर दिया. जनमत संग्रह में 90 प्रतिशत लोगों ने यूक्रेन के अलग देश के पक्ष में वोट किया. इस पर रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने यूक्रेन को अलग देश की मान्यता दे दी. और क्रीमिया को भी यूक्रेन का हिस्सा बताया.

नाटो से नज़दीकी या वापस कब्ज़ा है जंग की वजह

यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है. लेकिन वह इसमें शामिल होने के लिए बेताब है. जो रूस को किसी भी सूरत में मंज़ूर नहीं. इसके लिए रूस यूरोपियन कंट्रीज से यूक्रेन को नाटो में शामिल न किए जाने का लिखित समझौता भी चाहता है. हाल के दिनों में नाटो के साथ यूक्रेन की बढ़ती नज़दीकी से रूस चिढ़ा हुआ है. जिसका नतीज़ा जंग के तौर पर सामने है. (Russia Attack on Ukraine)

एक दूसरा बड़ा और ठोस कारण यूक्रेन की सोवियस संघ की ताक़त को दोबारा बहाल करना और आर्थिक व भौगलिक कारण है. यूक्रेन की दो सीमाएं रूस से सटी हैं. यूक्रेन के पास काले सागर के अहम पोत हैं. इसकी सरहदें चार नाटों देशों से मिलती हैं.

यूरोप की ज़रूरत की एक तिहाई प्राकृतिक गैस यूक्रेन से ही सप्लाई होती है. यहां से पाइपलाइन भी गुजरते हैं. इसलिए यूक्रेन पर कब्ज़े से पापइलान की सुरक्षा मज़बूत होगी. दूसरी बात ये है कि सोवियन यूनियन का ख़र्च उठाने के लिए रूस की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रही यानी यूक्रेन के बिना रूस के लिए मुश्किल होता जा रहा है.

बहरहाल, रूस और यूक्रेन जंग से हालात भयावह होने की संभावना है. भारत ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है. तो अमेरिका और यूरोपियन कंट्रीज रूस के हमले के जवाब में तेवर दिखा रहे हैं. (Russia Attack on Ukraine)


(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here