द लीडर। जम्मू कश्मीर पर बनी ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म इन दिनों चर्चा में है। वहीं कई लोग इस फिल्म को सपोर्ट कर रहे हैं तो कई इसके विरोध में है। कई राज्यों में सरकार ने इस फिल्म की तारीफ करते हुए इसे टैक्स फ्री भी कर दिया।
वही ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया लोग दे रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता अरुण कुमार ने कहा कि, RSS ने न केवल कश्मीरी हिंदुओं बल्कि मुस्लिमों की भी मदद की थी. जब उन्होंने 1990 के दशक में आतंकवाद का दंश झेला था.
जब आतंकवाद चरम पर था तब RSS ने कई आयामों में काम किया
अरुण कुमार ने कहा कि, जब 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तो आरएसएस ने कई आयामों पर काम किया था जिसमें इस क्षेत्र को सेना को सौंपने के लिए सरकार पर दबाव बनाने से लेकर कश्मीर को बचाने के वास्ते देशव्यापी जागरूकता फैलाना और घाटी में सामान्य नागरिक समाज की मदद करना शामिल था.
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उन्होंने कहा कि, हमने मुस्लिमों की मदद करने का काम भी शुरू किया था जब आतंकवादियों ने कश्मीर से हिंदुओं के निर्वासन के बाद उन्हें निशाना बनाना शुरू किया था.
RSS के संयुक्त महासचिव कुमार ‘कन्फ्लिक्ट रेजोल्यूशन-द आरएसएस वे’ नाम की किताब के विमोचन के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
RSS के खिलाफ एक गलत धारणा बनाई गई
उन्होंने कहा कि, आजादी के बाद RSS के खिलाफ एक गलत धारणा बनायी गयी कि यह फासीवादी और हिंदू चरमपंथी संगठन है और ऐसा ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र’’ संघ के बारे में अब भी ‘‘गलत सूचनाएं’’ फैला रहा है.
देश के लोगों को एकजुट करना है संघ का मिशन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RSS के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य राम माधव ने कहा कि, संघ का वृहद मिशन देश के लोगों को एकजुट करना है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की आलोचना की जाती है क्योंकि यह आज एक कामयाब और प्रभावशाली संगठन है.
बाद में कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में माधव ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि, यह मौजूदा पीढ़ी के समक्ष सच सामने लाने की कोशिश है ताकि उन्हें याद रहे कि 1990 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के साथ क्या हुआ था.
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