
वीडियो : समाजवादी पार्टी के फ़ायरब्रांड नेता मुहम्मद आज़म ख़ान और अवाम के बीच रिश्तों की डोर बहुत मज़बूत है. यह रामपुर में एक बार फिर साबित हो गया है. जेल जाने और सरकार का शिकंजा कसा रहने के बाद अवाम ने आज़म ख़ान का साथ नहीं छोड़ा. पहले लोकसभी चुनाव जिताया और अब जब सीतापुर जेल में रहते हुए ही उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा तो यह भी जिता दिया.
मौजूदा वक़्त में आज़म लोकसभा और विधानसभा दोनों सदनों के सदस्य हैं लेकिन उन्हें एक सदन को छोड़ना होगा. उनके सामने फैसले की घड़ी है. मुश्किल यह है कि सूबे में दूसरा बार भाजपा के काबिज़ होने से आज़म ख़ान और उनके समर्थकों की उम्मीदों को धक्का पहुंचा है लेकिन हालात का सामना तो करना ही पड़ेगा.
ख़ैर जिस तरह समर्थक मांग कर रहे हैं और अवाम की ख़्वाहिश भी यही है कि आज़म ख़ान विधानसभा में ही उनकी नुमाइंदगी करें, उससे तय माना जा रहा है कि वह लोकसभा से इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं. बस उनके जेल से रिहा होकर आने का इंतज़ार है. शत्रु संपत्ति से जुड़े मुक़दमे में उनकी ज़मानत होने से रह गई है. पांच दूसरे मामलों में ज़मानत मिलने के बाद परवाना सीतापुर जेल में भेज दिया गया है. (Azam Khan Resign Parliament)