#RamMandirScam: सुल्तान अंसारी ने सुनाई पूरी डील की कहानी, कहा- सिर्फ 10 मिनट में नहीं हुआ सौदा

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द लीडर हिंदी, लखनऊ। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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जमीन के मालिक ने सुनाई डील की पूरी कहानी

वहीं अब जमीन के मालिक रहे सुल्‍तान अंसारी सामने आए हैं और उन्होंने इस डील की पूरी कहानी सुनाई है. एक निजी न्यूज़ चैनल से बातचीत में उन्होंने बताया है कि, डील में कोई हेरा-फेरी नहीं हुई है, ये सच है कि, दो बार रजिस्ट्री की गई थी. पहली रजिस्ट्री 2 करोड़ कीमत की थी जबकि दूसरी 18.5 करोड़ रुपये में ट्रस्ट के नाम की गई थी.

सिर्फ 10 मिनट में नहीं हुआ सौदा- सुल्तान अंसारी

सुल्‍तान अंसारी ने कहा कि, यह डील 2 या 10 मिनट में नहीं हुई थी और इसमें सभी नियमों का पालन किया गया था. उन्होंने ये भी बताया कि, डील के बाद अभी तक उनकी चंपत राय से कोई बातचीत नहीं हुई है. बता दें कि, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने आरोप लगाया है.

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कहानी 2011 में शुरू हुई

सुल्‍तान अंसारी के मुताबिक, साल 2011 में पहली बार एग्रीमेंट हुआ था और उस एग्रीमेंट में उनके पिता और हरीश कुमार पाठक जमीन के मालिक थे. बाद में जब 2021 में बैनामा हुआ तो रवि मोहन तिवारी को भी शामिल कर लिया गया था. दूसरा एग्रीमेंट साल 2014 का है.

दूसरे एग्रीमेंट में 18.5 करोड़ रुपए में तय हुई थी डील 

सुलतान अंसारी ने बताया कि, 4 मार्च 2014 ट्रस्ट के माध्यम से हमसे चंपत राय ने उनसे इस जमीन को खरीदने के लिए संपर्क किया था. दूसरे एग्रीमेंट में ही 18.5 करोड़ रुपए में डील तय हुई थी और जिसे बाद में 17 करोड़ कर दिया गया था.

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चंपत राय ने कहा था कि, बचा हुआ डेढ़ करोड़ रजिस्ट्री के बाद दे दिया जाएगा. जमीन का रेट 2011 से 2021 के बीच बदल गया है, जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो तथ्यहीन हैं.

साल 2011 में हुआ था पहला एग्रीमेंट

सुलतान अंसारी ने बताया कि, साल 2011 में जब जमीन का एग्रीमेंट हुआ था तो ये सिर्फ 1 करोड़ रुपए का था. हमने 10 लाख रुपए पेशगी दी थी और 2014 में इस एग्रीमेंट का रिनुअल हुआ था.

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साल 2019 में इसकी कीमत 2 करोड़ हो चुकी थी और 50 लाख रुपए पेशगी में दिए गए थे. अब 2 लोगों के नाम पर हमारा बैनामा हुआ और 8.30 करोड़ पर हमारे खाते में आए और 8.30 करोड़ रुपये रवि मोहन के खाते में आए हैं.

क्या कह रहा है ट्रस्ट ? 

चंपत राय ने कहा कि, जिस जमीन को लेकर चर्चा की जा रही है वह रेलवे स्टेशन के पास वह प्राइम लोकेशन है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी जमीन खरीदी है खुले बाजार की कीमत से बहुत कम दामों पर खरीदी है.

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9 नवंबर, 2019 को श्री राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने की मांग बढ़ने लगी। देश के कई लोग जमीन खरीदने के लिए आने लगे. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए जमीन खरीद रही है, इस कारण अयोध्या में जमीनों के दाम बढ़ गए हैं.

संजय सिंह ने CBI जांच की मांग की

उधर, आप के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपलगाते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है.

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उन्होंने कहा कि, ये साफ है कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी है. यह सीधे-सीधे मनी लॉड्रिंग का मामला है. इसकी CBI और ED से जांच कराई जानी चाहिए.

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