द लीडर हिंदी, लखनऊ | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा निशाना साधा है. कोविड संकट में देश की आर्थिक स्थिति को संतुलित करने की खातिर केंद्र सरकार की तरफ कई अहम घोषणाएं की गई हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में कोरोना की वजह से संकट में फंसी इकॉनोमी को उबारने के लिए सोमवार को डेढ़ लाख करोड़ रूपये की एडिशनल क्रेडिट की घोषणा की है.
ये मदद छोटे और मध्यम वर्ग के उद्योगों को दी जाएगी. जिसमें हेल्थकेयर, टूरिज्म समेत कई सेक्टर शामिल होंगे.
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राहुल गांधी ने कसा तंज
केंद्र सरकार की घोषणाओं को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वित्तमंत्री की तरफ से दी गई आर्थिक राहत से देश का कोई भी परिवार अपने भरण-पोषण, बच्चों की फीस और दवाओं का खर्च नहीं कर सकता है.
FM के ‘आर्थिक पैकेज’ को कोई परिवार अपने रहने-खाने-दवा-बच्चे की स्कूल फ़ीस पर ख़र्च नहीं कर सकता।
पैकेज नहीं, एक और ढकोसला!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 29, 2021
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गरीबों के हाथों में पैसा दे सरकार – कांग्रेस
वहीं इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी केंद्र सरकार के फैसले को लेकर तल्ख टिप्पणी की है.
चिदंबरम ने कहा कि संकट के दौर में सीधे लोगों तक पैसा पहुंचाने की जरूरत थी. खासकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए ये बेहद जरूरी है.
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उन्होंने केंद्र सरकार की आर्थिक योजना की आलोचना करते हुए कहा कि क्रेडिट गारंटी क्रेडिट नहीं होती, क्रेडिट का मतलब और ज्यादा कर्ज.
कोई भी बैंकर पहले से ही कर्ज में डूबे बिजनेस पर आगे नहीं बढ़ना चाहेगा. चिदंबरम ने कहा कि इस समस्या का हल ये है कि लोगों के हाथों में सीधा पैसा पहुंचाया जाए, खासकर गरीब और लोअर मिडिल क्लास के लोगों तक.
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कुछ प्रारंभिक सत्य:
क्रेडिट गारंटी क्रेडिट नहीं है।
क्रेडिट अधिक कर्ज है, कर्ज में डूबे कारोबार को कोई बैंकर कर्ज नहीं देगा।
कर्ज के बोझ तले दबे या नकदी की कमी से जूझ रहे कारोबारियों को ज्यादा कर्ज नहीं चाहिए, उन्हें गैर-क्रेडिट पूंजी की जरूरत होती है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 29, 2021
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इससे पहले कांग्रेस ने वित्त मंत्री की घोषणा की आलोचना करते हुए कहा था कि देश के लोगों को कुछ नहीं मिला सिवाय हेडलाइन्स के. सरकार को देश की आर्थिक स्थिति को उबारने के लिए ज्यादा मजबूत कदम उठाने चाहिए.
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