राहुल गांधी का केंद्र पर निशाना, कहा- टारगेट से 27 फीसदी कम वैक्सीनेशन पर देश

द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने कोविड-19 टीकाकरण रफ्तार को लेकर आज एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक वैक्सीनेशन ट्रैकर ग्राफिक शेयर करते हुए बताया कि, महामारी की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए भारत की वास्तविक कोविड -19 वैक्सीनेशन रेट सरकार की टारगेट रेट से 27% कम है.

राहुल गांधी ने शेयर ने किया वैक्सीनेशन से जुड़ा ग्राफ

राहुल गांधी ने वैक्सीनेशन से जुड़ा एक ग्राफ शेयर करते हुए ट्वीट किया ‘माइंड द गैप. #WhereAreVaccines.’ . इस ग्राफ में बताया गया है कि, संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए केंद्र सरकार का एक दिन में 69.5 लाख डोज देने का टारगेट है.

यह भी पढ़ेंं: दो बार पेश न होने पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ED ने फिर भेजा समन

एक दिन में औसतन 50.8 लाख वैक्सीन डोज दी जा रही

लेकिन एक दिन में औसतन 50.8 लाख वैक्सीन डोज ही दी जा रही हैं. इसलिए वास्तविक वैक्सीनेशन रेट और सरकार के लक्ष्य के बीच 27% का अंतर है.

वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र पर लागतार निशाना साध रहे राहुल

राहुल गांधी देश में कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी और टीकाकरण की रफ्तार को लेकर लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की कथित कमी का हवाला देते हुए शुक्रवार को भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था.

यह भी पढ़ेंं:  सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी यूपी के चुनावी मैदान में, लखनऊ में वीआईपी पार्टी के कार्यालय का किया उद्घाटन

इसके साथ ही राहुल गांधी ने दावा किया था कि, जुलाई का महीना आ गया है, लेकिन टीके नहीं आए हैं. गांधी ने ट्वीट किया था ‘‘जुलाई का महीना आ गया है, वैक्सीन नहीं आयीं.’’

डॉ. हर्षवर्धन ने किया था राहुल पर पलटवार

राहुल गांधी के ट्वीट के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और किरण रिजिजू ने पलटवार किया था. डॉ. हर्षवर्धन ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि, कल ही मैंने जुलाई महीने के लिए टीके की उपलब्धता पर तथ्य रखे.

यह भी पढ़ेंं:  मुन्नवर राना के बेटे पर हमले के मामले में नया मोड़,शायर बोले-बिकरू कांड बनाने की कोशिश

राहुल गांधी जी की समस्या क्या है? क्या वह नहीं पढ़ते हैं? क्या वह नहीं समझते? अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है. कांग्रेस को नेतृत्व में बदलाव के बारे में सोचना चाहिए.’’

indra yadav

Related Posts

बरेली के क़ातिलाना हमले में क्यों सुनाई उम्र क़ैद की सज़ा?

द लीडर हिंदी: क़ातिलाना हमले के मामले में उम्र क़ैद की सज़ा उमूमन नहीं होती. ऐसा फ़ैसला बहुत कम केसेज़ में देखने को मिलता है. यूपी के ज़िला बरेली में…

बरेली में वारदात अंजाम देने जा रहे चार बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा

यूपी में बरेली पुलिस की वारदात की फिराक में निकले बाइक सवार बदमाशों से मुठभेड़ हो गई.