नई दिल्ली | प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग केस में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को तीसरी बार समन जारी किया है. ईडी ने इस बार उन्हें 5 जुलाई को तलब किया है. पिछली दो तारीखों पर देशमुख ईडी के सामने पेश नहीं हो सके थे.
29 जून को हाजिर होने में असमर्थता जताई थी
अनिल देशमुख ने 29 जून को भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने हाजिर होने में असमर्थता जताई थी. उन्होंने इस बाबत पत्र लिखकर ED को सूचित किया था कि उनकी उम्र 72 साल है और वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं. उन्होंने कहा था कि अगर ED चाहे तो ऑडियो या वीडियो के माध्यम से बयान दर्ज कर सकती है.
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इस बीच, ED की गिरफ्त में आए देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और पीए कुंदन शिंदे की ED कस्टडी 5 दिन बढ़ा दी गई है.
खास बात है कि ED ने दोनों की हिरासत बढ़ाए जाने की मांग करते हुए अदालत को बताया था कि संजीव पलांडे ने खुलासा किया है कि कुछ आईपीएस अफसरों के तबादले में अनिल देशमुख की भूमिका रही है. इस संबंध में जिनके नाम आए हैं, उन अफसरों को भी बयान के लिए बुलाकर आमना-सामना करवाना है.
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क्या है मामला ?
गौरतलब है कि यह मामला कथित तौर पर करोड़ों रुपये की रिश्वतखोरी और जबरन वसूली से जुड़ा है, जिसके आरोप लगने के बाद देशमुख को गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिखकर आरोप लगाए थे कि अनिल देशमुख ने पुलिस अफसरों को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था. सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री ने सचिन वाजे को यह टारगेट दिया था.
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