द लीडर | कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने दावा है कि उनके ट्विटर फॉलोअर्स लगातार घट रहे हैं। पिछले करीब सात महीने में उनके फॉलोअर्स की संख्या में करीब चार लाख का इजाफा हुआ था लेकिन अगस्त 2021 के बाद से उनके फॉलोअर्स की संख्या लगातार घट रही है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने में ट्विटर की “अनजाने में मिलीभगत” रही है। उन्होंने एक सरकारी अभियान पर प्लेटफॉर्म पर उनकी पहुंच को दबाने का आरोप लगाया गया है।
इस पर अब ट्विटर ने जवाब दिया है। ट्विटर स्पॉक्स ने कहा, फॉलोअर्स काउंट्स विजिबल फीचर है और हम चाहते हैं कि हर किसी को इसका विश्वास रहे कि ये आंकड़े सही और तथ्यात्मक हैं। ट्विटर की हेरफेर और स्पैम को लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है।
Follower counts are a visible feature&we want everyone to have confidence that numbers are meaningful&accurate. Twitter has zero-tolerance approach to platform manipulation&spam: Twitter spox on Rahul Gandhi's letter to Twitter stating that no.of his followers seeing a drop (1/3) pic.twitter.com/HiU0QORYcR
— ANI (@ANI) January 27, 2022
फॉलोअर्स की संख्या गिराने के राहुल गांधी के आरोप को लेकर ट्विटर ने आगे कहा, हम मशीन लर्निंग टूल्स के साथ रणनीतिक रूप से और बड़े पैमाने पर स्पैम से लड़ते हैं और एक स्वस्थ तरीके और विश्वसनीय अकाउंट्स को सुनिश्चित करने के लिए लगातार और चल रहे प्रयासों के हिस्से के तौर पर फॉलोअर्स की संख्या में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
ऐसे समझये देश के चार बड़े नेताओं के फोल्लोवेर्स का ग्राफ
इस तस्वीर को कांग्रेस पार्टी ने साझा किया है। इसमें देश के चार बड़े नेताओं के ट्विटर एकाउंट्स के गिरते चड़ते फोल्लोवेर्स को दिखा रहा है। इसमें सबसे पहले राहुल गांधी के ग्राफ में यह दिखाया गया है कि उनके फोल्लोवेर्स जनवरी के महीने से लेकर के सितंबर तक घटते-बढ़ते रहे लेकिन उसके बाद फोल्लोवेर्स रातों रात घटना शुरू हो गए।
बाकी नेताओं के ग्राफ सितंबर के महीने के बाद भी ठीक चलते रहे। इन बाकी के ग्राफ में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक शशी थरूर शामिल हैं।
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इस ग्राफ में कांग्रेस ने पूरी संख्या के साथ यह बताया है कि प्रति महीने हर नेता के कितने फोल्लोवेर्स कम हुए हैं। इस पूरे ग्राफ में पिछले साल के जनवरी से लेकर नवंबर के महीने तक के सारे रिकार्ड्स हैं।
उन्होंने लिखा, “शायद संयोग से नहीं, इन महीनों के दौरान मैंने दिल्ली में एक बलात्कार पीड़िता के परिवार की दुर्दशा के मुद्दे को उठाया, किसानों के साथ एकजुटता से खड़ा हुआ और कई अन्य मानवाधिकार मुद्दों पर सरकार से लड़ाई लड़ी।वास्तव में मेरा एक वीडियो, जिसमें वादा किया था कि किसानों के 3 काले कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा, हाल के दिनों में भारत में किसी भी राजनीतिक नेता द्वारा ट्विटर पर डाले गए सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में से एक है।
क्या है मामला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले महीने ट्वीटर के सीईओ पराग अग्रवाल को एक पत्र लिखा था, इसमें उन्होंने कहा है कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने में ट्विटर की “अनजाने में मिलीभगत” रही है। उन्होंने एक सरकारी अभियान पर प्लेटफॉर्म पर उनकी पहुंच को दबाने का आरोप लगाया गया है।
‘हर महीने 2.3 लाख से ज्यादा फॉलोअर जुड़े लेकिन…’
कांग्रेस नेता ने अपने शिकायत भरे पत्र में लिखा कि हर महीने 2.3 लाख से भी ज्यादा की रफ्तार से नए फॉलोअर उनसे जुड़ रहे थे, जो कि किसी-किसी महीने तो 6.5 लाख तक पहुंच जाते थे। हालांकि, अगस्त 2021 से उनके नए फॉलोवर्स की संख्या में गिरावट आने लगी, वह हर महीने सिर्फ 2,500 की दर पर आ गई है। इस तरह उनके 1.95 करोड़ फॉलोअर्स की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
राहुल बोले – शायद यह संयोग नहीं
27 दिसंबर को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा, “शायद यह संयोग नहीं है। इन महीनों के दौरान मैंने दिल्ली में बलात्कार पीड़िता के परिवार की दुर्दशा का मुद्दा उठाया, किसानों के साथ एकजुटता से खड़ा रहा और कई दूसरे मानवाधिकार मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछे। मेरे एक वीडियो में वादा किया था कि किसानों के 3 काले कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा, वह हाल के दिनों में भारत में किसी भी राजनीतिक नेता द्वारा ट्विटर पर डाले गए सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में शामिल है।
ट्विटर ने क्या कहा?
राहुल गांधी के आरोपों पर ट्विटर का विस्तृत जवाब आया है, जिसमें उसने उनके आरोपों को नकार दिया है। कंपनी का कहना है कि वो स्पैम और फेक अकाउंट्स के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है। ट्विटर की तरफ से इशारा किया गया है कि उसके स्पैम फिल्टर्स की वजह से राहुल गांधी के फॉलोवर्स बढ़ने की दर में कमी आई होगी। इंडिया टुडे से जुड़े अंकित कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी स्पैम और फेक अकाउंट्स के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है और उसे देखते हुए उसने ऑटोमेशन सिस्टम डेवलप किया है। प्रवक्ता ने कहा कि इसके चलते लोगों के फॉलोवर्स घटते-बढ़ते रहते हैं। यही नहीं, ट्विटर की नीतियों का उल्लंघन करने के लिए हर हफ्ते लाखों अकाउंट्स हटाए जाते हैं।
ट्विटर के प्रवक्ता की तरफ से यह भी कहा गया कि इस प्रक्रिया का अलग-अलग अकाउंट्स पर अलग-अलग असर हो सकता है। जहां कुछ अकाउंट्स के थोड़े ही फॉलोवर्स घट सकते हैं, वहीं कुछ के लिए ये संख्या काफी बड़ी हो सकती है। एक कंपनी के तौर पर ट्विटर पारदर्शी होने में विश्वास रखता है और यही बात उसे विचारों के आदान-प्रदान और चर्चा के लिए एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनाती है। कंपनी का कहना है कि स्पैम और फेक अकाउंट्स के खिलाफ की जा रही कार्रवाई कंपनी की उस नीति का हिस्सा है, जो ट्विटर को पब्लिक डिस्कोर्स के लिए एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म बनाती है।