द लीडर, मुंबई. रहमतुललिल आलमीन हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की विलादत पर जुलूस-ए-मुहम्मदी का मामला मुंबई में अटका हुआ है. इसका हल निकालने के लिए दरगाह आला हज़रत से जुड़े संगठन रज़ा एकेडमी के पदाधिकारी शरद पवार से पुणे जाकर मिले. बताया कि मुसलमान ईद मिलादुन्नबी पर हर साल जश्न मनाते हैं. इस बार सरकार की तरफ से अभी तक अनुमति नहीं मिल सकी है. इससे गुस्से का माहौल है. मांग की कि इस बड़े मुद्दे का हल निकाल जाए.
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रज़ा एकेडमी के प्रमुख मुहम्मद सईद नूरी की अगुवाई में कई संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में लिखी बातों को शरद पवार ने गौर से पढ़ा. जुलूस के बारे में जानकारी ली और आश्वासन दिया कि हम आपके शब्दों को यथासंभव लागू करने का प्रयास करेंगे। पवार ने कहा कि इस सबंध में हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात भी करेंगे. सईद नूरी ने बताया कि शरद पवार से मुलाक़ात से हमें उम्मीद है कि ईद मिलादुन्नबी का जुलूस बहुत अच्छे तरीके से निकलेगा. दुनिया को एक अच्छा संदेश जाएगा कि इस दिन अल्लाह ने पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (PBUH) को पूरे ब्रह्मांड के लिए दया के रूप में भेजा.
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सईद नूरी ने कहा कि हजरत मुहम्मद मुस्तफा (PBUH) का नाम मुसलमानों के लिए सबसे प्रिय है। एक मुसलमान सब कुछ सहन कर सकता है लेकिन वह अपने पैगंबर (PBUH) का जरा सा भी अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होने कहा कि ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकालना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. उन मुसलमानों को बधाई देता हूं, जो जन्म की खुशी में जुलूस निकालते हैं. जुलूस देश में शांति और व्यवस्था का माहौल बनाता है और गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा देता है. ज्ञापन देने के दौरान यूसुफ कादरी, इदरीस मेमन, जावेद जहांगीर डार, हाजी गुलाम रसूल, तारिक रिज़वी, जीशान सय्यद, नजीर वागो, फैज अहमद, अशफाक, सय्यद शबीब काज़ी मौजूद रहे.