#UPCorona: कोरोना को लेकर प्रियंका का पत्र, मुख्यमंत्री योगी को दिए ये 10 सुझाव

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के मामलों की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है. राजधानी लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और वाराणसी कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित जिले हैं. यूपी में कोरोना के कहर के बीच कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भेजी है. प्रियंका ने अपने पत्र में प्रदेश के अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत की बात उठाई है.

प्रियंका ने प्रदेश में जांच दर कम होने पर चिंता जताई है, उनका कहना है कि ऐसी काफी बड़ी संख्या है जो रिपोर्ट ही नहीं हो पा रही हैं. प्रियंका गांधी का कहना है कि गांव में जांच तक नहीं हो रही है और शहरी इलाकों में जांच कराने में काफी मुश्किलें आ रही हैं.

पूरी दुनिया में कोरोना की ये जंग चार स्तंभों पर टिकी है जांच , उपचार , ट्रैक और टीकाकरण. अगर आप पहले खंभे को ही गिरा देंगे तो फिर हम इस जानलेवा वायरस को कैसे हराएंगे ? दूसरी सबसे बड़ी चिंता अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाईयों की घोर किल्लत और इनकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी को लेकर है.

चार स्तंभों का जिक्र

अपने पत्र में उन्होंने कोरोना की जांच में चार स्तंभों की जिक्र किया. इनमें जांच, उपचार, टैक और टीकाकरण की बात कही. वहीं, उन्होंने अस्पतालों में ऑक्सीजन और बिस्तर की किल्लत का भी जिक्र किया.

श्मशान घाटों पर हो रही है लूट- प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के श्मशान घाटों पर निर्ममता से लूट हो रही है और कुल मौतों के आंकड़ों को कम बताया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि यूपी में वैक्सीनेशन का काम आबादी के लिहाज से धीमा हो रहा है.

प्रियंका गांधी का राज्य सरकार के लिए सुझाव

प्रियंका ने अपने लेटर में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को 10 सुझाव भी दिए हैं.

  1. सभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कल्याण के लिए एक समर्पित आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए
  2. सभी बंद किये जा चुके कोविड अस्पतालों और देखभाल केंद्रों को फिर से तुरंत अधिसूचित करें और युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन – युक्त बेड की उपलब्धता बढ़ाएं
  3. कोरोना संक्रमण और मौत के आंकड़ों को ढंकने , छुपाने की बजाय श्मशान , कब्रिस्तान और नगरपालिका निकायों से परामर्श कर पारदर्शिता से लोगों को बताया जाए.
  4. RTPCR जांच की संख्या बढ़ाएँ . सुनिश्चित करें कि कम से कम 80 % जांच RTPCR द्वारा हों . ग्रामीण क्षेत्रों में नये जांच केंद्र खोलें और पर्याप्त जांच किटों की खरीद तथा प्रशिक्षित कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए .
  5. आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों की मदद से ग्रामीण इलाकों में दवाओं व उपकरणों की कोरोना किट बंटवाई जाए , ताकि लोगों को सही समय पर शुरूआती दौर में ही इलाज व दवाई मिल सके और अस्पताल जाने की नौबत ही न आये.
  6. ऑक्सीजन के भण्डारण की एक नीति तुरंत बनायी जाए ताकि आपात स्थिति के लिए हर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन का रिजर्व भण्डार तैयार हो सके.
  7. इस संकट के चलते बंदिशों का दंश झेल रहे सभी गरीबों , श्रमिकों , रेहड़ी पटरी वाले और देश के अन्य राज्यों से अपनी रोजी – रोटी छोड़कर घर लौटने वाले गरीबों को नकद आर्थिक मदद की जाए.
  8. प्रदेश में युद्ध स्तर पर तुरंत वैक्सीनेशन की शुरुआत हो,बुलंदशहर में बने भारत इम्युनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कॉर्पोरेशन में टीके के निर्माण की संभावना तलाशी जाए.
  9. कोरोना की पहली लहर से बुनकर , कारीगर , छोटे दुकानदार , छोटे कारोबार तबाह हो चुके हैं . दूसरी लहर में उन्हें कम से कम कुछ राहत जैसे बिजली , पानी , स्थानीय टैक्स आदि में राहत दी जाए ताकि वे भी खुद को संभाल सकें
  10. यह सबकी मदद लेने , सबका साथ देने , सबका हाथ थामने का समय है . इस समय आपकी सरकार को लोगों , दलों और संस्थाओं को आगे आने और मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

आंकड़े छिपा रही है सरकार- आखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार कोविड से मौत के आंकड़ों को छिपा रही है.उन्होंने आरोप लगाया कि श्मशान घाट पर शवों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों के विपरीत है. अखिलेश ने कहा कि यूपी सरकार के कुशासन और अदूरदर्शिता ने राज्य को कोरोना प्रदेश में बदल दिया है.

उन्होंने आगे कहा, कम मौतें दिखाने के लिए नकली डेटा दिया जा रहा है, जबकि श्मशान और कब्रिस्तानों में भीड़ देखी जा रही है. यह सरकार की विफलता है कि भाजपा के सांसद, विधायक भी वर्तमान मामलों की स्थिति से संतुष्ट नहीं हैं. भाजपा द्वारा डॉक्टरों की संख्या, अस्पतालों की संख्या और अन्य सुविधाओं के बारे में दी जा रही जानकारियां अधिकतर फर्जी हैं. ऐसी असंवेदनशील सरकार राज्य में कभी नहीं देखी गई है.

एक और ट्वीट में अखिलेश ने राज्य सरकार पर कटाक्ष के अंदाज में लिखा है- वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से मैं ऐतबार न करता तो और क्या करता.

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